Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(द्वादशी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-नामकरण, गृहप्रवेश मुहूर्त
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नवरात्रि में अत्यंत शुभ फल देते हैं रामचरितमानस के यह 10 दोहे

हमें फॉलो करें नवरात्रि में अत्यंत शुभ फल देते हैं रामचरितमानस के यह 10 दोहे
नवरात्रि में देवी के वि‍भिन्न रूपों की अर्चना की जाकर इच्छापूर्ति हेतु मंत्र प्रयोग किए जाते हैं। जो सर्वसाधारण के लिए थोड़े क्लिष्ट पड़ते हैं। 
 
रामचरित मानस के पाठ या सुंदरकांड के पाठों से अथवा उनके मंत्रों से भी इच्‍छापूर्ति की जाती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। नीचे दिए गए मंत्रों के प्रयोग किए जा सकते हैं:- 
 
(1) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु- 
 
'कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'
 
(2) भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए-
 
'रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय ‍बिहग उड़व निहारी।।' 
 
(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
 
'मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'
 
(4) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
 
'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल भगवाना।।'
 
(5) विपत्ति नाश के लिए- 
 
'राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।' 
 
(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
 
'दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'
 
(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
 
'बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत अस होई।।' 
 
(8) विद्या प्राप्ति के लिए-
 
'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब पाई।।'
 
(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
 
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'
 
(10) शत्रुता नाश के लिए-
 
'बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।'
 
आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि मंत्र का सम्पुट सुंदरकांड में करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

9 शक्तियों से मिलन का पर्व है नवरात्रि, पढ़ें महत्व