मां अपने हर बालक को बराबर प्रेम करती है और हर कष्ट का हरण करती है। जगदंबा की आराधना नवरात्रि में विशेष रूप से की जाती है। इन नौ दिनों में भगवती के नौ रूपों के साथ अन्य रूपों की आराधना की जाती है। देवी आराधना के लिए सर्वप्रथम घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना शुभ मुहुर्त में की जाए, तो हर मनोरथ पूर्ण होते हैं। आइए जानें नवरात्रि के मंगल मुहूर्त...
चौघड़िया-अनुसार :-
लाभ-चौघड़िया- 06.23 से 07.51 तक।
अमृत-चौघड़िया- 07.51 से 09.18 तक।
शुभ-चौघड़िया- 10.46 से 12.14 तक।
लाभ-चौघड़िया- शाम 04.37 से 06.05 तक।
शुभ-चौघड़िया- रात्रि 07.37 से 09.09 तक।
अमृत-चौघड़िया- रात्रि 09.09 से 22.42 तक।
लग्न-अनुसार :-
कन्या लग्न- ब्रह्म-मुहुर्त में 04.56 से 07.03 तक।
धनु लग्न- सुबह 11.33 से दोपहर 01.38 तक।
कुंभ लग्न- दोपहर 03.26 से शाम 05.00 तक।
मेष लग्न- शाम 06.31 से रात्रि 08.13 तक।
वृषभ लग्न- रात्रि 08.13 से रात्रि 10.12 तक।
विशेष :
अभिजित मुहूर्त सुबह 11.57 से 12.37 तक।