Navratri Navami : नवरात्रि में दुर्गा विसर्जन का क्या है महत्व

Webdunia
मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (18:00 IST)
नवरात्रि में घटस्थापना, जवारे स्थापा और माता दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करके 9 दिनों तो उनकी पूजा आराधना की जाती है और दशमी के दिन विसर्जन किया जाता है। अंतिम दिन के बाद अर्थात नवमी के बाद माता की प्रतिमा और जवारे का विसर्जन किया जाता है। आखिर क्या है विसर्जन का महत्व, आओ जानते हैं।
 
 
1. कहते हैं कि जिस प्रकार बेटियां अपनी ससुराल से मायके आती हैं और कुछ समय रहने के बाद पुन: अपने ससुराल चली जाती है। उसी प्रकार मां दुर्गा अपने मायके अर्थात धरती पर आती हैं और 9 दिन रुकने के बाद पुन: अपने पति के पास कैलाशधाम चली जाती हैं। बेटी को विदा करते समय कुछ खाने-पीने का सामान, श्रृंगार का सामन, वस्त्र आदि दिए जाते हैं, उस प्रकार माता की प्रतिमा के विसर्जन के समय एक पोटली में यह सभी सामान बांधकर उनके साथ ही विसर्जन किया जाता है।
2. एक और मान्यता है कि यह संपूर्र ब्रह्मांड पंचतत्वों से बना हुआ माना जाता है। शास्त्रों में कहा भी गया है- 
क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा।
पंचतत्व ये अधम शरीरा।।
अर्थात शरीर आकाश, जल, अग्नि और वायु से मिलकर यह शरीर बना है। जल भी पंचतत्व है इसे काफी पवित्र माना गया है क्योंकि यह हर गुण दोष को अपने आप में विलिन कर लेता है। इसीलिए पूजा में भी पवित्र जल से पवित्रीकरण किया जाता है।
 
3. जल को ब्रह्म (ब्रह्मा नहीं) भी माना गया है। जल से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है। जल चिर तत्व है। इसी कारण से जल में त्रिदेवों का वास भी माना जाता है। यही वजह है कि पूजा पाठ में भी पवित्रीकरण के लिए जल का प्रयोग किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जल में देव प्रतिमाओं को विसर्जित करने के पीछे यह कारण है कि देवी देवताओं की मूर्ति भले ही विलीन हो जाए लेकिन उनके प्राण मूर्ति से निकलकर सीधे परम ब्रह्म में लीन हो जाते हैं।
 
दुर्गा विसर्जन मंत्र :
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

शिव चालीसा पढ़ते समय ये गलतियां तो नहीं करते हैं आप?

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

विजया एकादशी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत का फल

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

सभी देखें

धर्म संसार

20 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

वर्ष 2025 के मध्य में क्या सचमुच देश और दुनिया में होने वाला है कुछ बड़ा?

20 फरवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्यों दी जाती है संतों को जल समाधि, जानिए क्या है जल समाधि से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

छत्रपति शिवाजी महाराज कैसे बने श्री तुलजाभवानी के उपासक, क्या आज भी है इस शक्तिपीठ का महत्व?

अगला लेख
More