Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(अष्टमी तिथि)
  • तिथि- माघ कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-व्यापार मुहूर्त
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia

Gupta navaratri: माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से होगी प्रारंभ, क्या है इसका महत्व?

माघ शुक्ल प्रतिपदा से होगी गुप्त नवरात्रि की शुरुआत। जानें घटस्थापना हेतु शुभ समय और पर्व का महत्व।

Advertiesment
हमें फॉलो करें Gupta navaratri: माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से होगी प्रारंभ, क्या है इसका महत्व?

WD Feature Desk

, सोमवार, 20 जनवरी 2025 (17:02 IST)
Magh Gupt Navratri 2025: वर्ष 2025 में माघ मास की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी 2025 से हो रही है और इसका समापन शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। आइए जानते हैं यहां माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना के मुहूर्त और महत्व के बारे में...ALSO READ: महाकुंभ में वायरल मॉडल हर्षा व मोनालिसा पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री, कहा अपने मकसद से भटका, रील नहीं रियल हो महाकुंभ
 
माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना बृहस्पतिवार, जनवरी 30, 2025, गुरुवार को 
 
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- जनवरी 29, 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट से,
प्रतिपदा तिथि का समापन- जनवरी 30, 2025 को शाम 04 बजकर 10 मिनट पर। 
 
प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के शुभ मुहूर्त समय- सुबह 09 बजकर 25 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक।
अवधि - 01 घंटा 21 मिनट्स।
 
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक।
अवधि- 00 घंटे 43 मिनट्स।
 
बता दें कि इस बार घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान की जाएगी।
मीन लग्न का प्रारम्भ- जनवरी 30, 2025 को सुबह 09 बजकर 25 मिनट से।
मीन लग्न की समाप्ति- जनवरी 30, 2025 को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर।
 
माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व : यह नवरात्रि चैत्र और आषाढ़ मास की नवरात्रि की तरह प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन इसका धार्मिक महत्व कम नहीं है। इस दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और इस पूजा से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, ऐसा माना जाता है। इस नवरात्रि का प्रारंभ प्रतिवर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है।ALSO READ: कौन हैं महाकुंभ में आए 7 फुट के मस्कुलर बाबा, इंस्टाग्राम पर मचा रखी है धूम, जानें रूस से भारत तक की उनकी अद्भुत कहानी
 
यह देवी शक्ति की उपासना का पर्व होने के कारण इस दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। तथा मान्यतानुसार इस नवरात्रि में देवी पूजा से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही यह नवरात्रि आध्यात्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण मानी गई है। इस नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करने से भक्त की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Kumbh mela 2025: मौनी अमावस्या कब है, क्या है इस दिन कुंभ स्नान का महत्व?

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चेन्नई के श्रद्धालु ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् को दान में दिए 6 करोड़ रुपए