Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल दशमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत/मुहूर्त-विष्णु त्रिरात्रि व्रत
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

Maa Katyayini : मां कात्यायनी को प्रसन्न करना है ऐसे करें पूजन, पढ़ें मंत्र एवं प्रसाद

हमें फॉलो करें Maa Katyayini : मां कात्यायनी को प्रसन्न करना है ऐसे करें पूजन, पढ़ें मंत्र एवं प्रसाद
मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी। शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है। कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है। 
 
मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है। इस समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। जो भक्त माता को 5 तरह की मिठाइयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद बांटते हैं माता उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है। 
 
आइए जानें कैसे करें पूजन- 
 
- गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए। 
 
- इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है। 
 
-  मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी। 
 
- इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें। 
 
शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
 
- गोधूलि वेला में पीले वस्त्र धारण करें।
 
-  मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें। 
 
- इसके बाद 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं। 
 
-  मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें। 
 
"कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।"
 
- हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें। 
 
-  मां कात्यायनी को शहद अर्पित करें।
 
- अगर ये शहद चांदी के या मिटटी के पात्र में अर्पित किया जाए तो ज्यादा उत्तम होगा।  
 
- इससे आपका प्रभाव बढ़ेगा और आकर्षण क्षमता में वृद्धि होगी। 
 
जपें यह मंत्र- 
 
माता कात्यायनी का चि‍त्र या यंत्र सामने रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें। यदि चित्र में यंत्र उपलब्ध न हो तो देवी माता दुर्गाजी का चित्र रखकर निम्न मंत्र की 51 माला नित्य जपें, मनोवांछित प्राप्ति होगी। साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी।
 
मंत्र - 'ॐ ह्रीं नम:।।'
 
चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
 
मंत्र - ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
 
देवी का प्रसाद- कात्यायनी की साधना एवं भक्ति करने वालों को मां की प्रसन्नता के लिए शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए। या फिर शहद का अलग से भोग भी लगा सकते हैं। 
 
मां शक्ति के नवदुर्गा स्वरूपों में मां कात्यायनी देवी को छठा रूप माना गया है। मां कात्यायनी देवी के आशीर्वाद से विवाह के योग बनते हैं साथ ही वैवाहिक जीवन में भी खुशियां प्राप्त होती हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

किस मनोकामना की पूर्ति हेतु नवरात्रि के 9 दिनों में क्या खरीदें, पढ़ें खास जानकारी