navarattri । क्या आप जानते हैं इन देवियों के नाम

अनिरुद्ध जोशी
हिन्दू धर्म में देवी और देवताओं से बढ़कर है ब्रह्म (ईश्वर)। हिन्दू धर्म में कई देवियां हैं। त्रिदेवियों में सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती का नाम लिया जाता है। अम्बा, अम्बिका या दुर्गा माता इनसे भिन्न मानी गई हैं। आओ जानते हैं सभी के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1.माता सरस्वती : (विद्या की देवी ब्रह्मा की पत्नी)
2.माता सरस्वती : (ब्रह्मा-सावित्री की पुत्री)
3.सावित्री (ब्रह्मा की पत्नी)
4.गाय‍त्री : (ब्रह्मा की पत्नी)
5.श्रद्धा : (ब्रह्मा की पत्नी)
7.मेधा (ब्रह्मा की पत्नी)
9. शतरूपा : (स्वायंभुव मनु की पत्नी)
10.अदिति : (कश्यप की पत्नी और देवताओं की माता)
11.श्रद्धा : (अंगिरा की पत्नी और बृहस्पति मां)
12.उषा : (द्यौ की पुत्री)
13.माता लक्ष्मी : (भगवान विष्णु की पत्नी)
13. देवी तुलसी (वृंदा देवी विष्णु का अंश)
14.विंध्यवासिनी देवी योगमाया : (यशोदा की पुत्री एकानंशा, श्रीकृष्ण की बहन)
15.यमुना देवी : (यमराज की बहन कालिंदी) 
16.शचि : (इंद्र की पत्नी इंद्राणील ज्वालादेवी की उपासक)
17..देवी आर्याणि- (पितरों के अधिपति अर्यमा की बहन, अदिति की पुत्री, सूर्यपुत्र रेवंतस की पत्नी हैं)
18.अम्बिका : (त्रिदेव जननी जगदम्बे, दुर्गा, कैटभा, महामाया और चामुंडा)
19.सती : (दक्ष प्रजापति की पुत्री, भगवान शंकर की पत्नी)
20.पार्वती : (राज हिमवान और रानी मैनावती की पुत्री, भगवान शंकर की पत्नी, पु‍त्र कार्तिकेय, गणेश और पुत्री अशोक सुंदरी की माता) 
21.उमा : (भूमि की देवी उमा भी भगवान शंकर की पत्नी)
22..गंगा देवी : (पार्वती की बहन, हिमवान की पुत्री)
 
23.भद्रकाली : (मां महाकाली के अनेक रुप हैं, इन्हें श्यामा, दक्षिणा कालिका (दक्षिण काली) गुह्म काली, कालरात्री, भद्रकाली, महाकाली, श्मसान कली आदि) महाभारत शान्ति पर्व के अनुसार यह सती के कोप से उत्पन्न दक्ष-यज्ञ-विध्वंसक देवी थी। पुराणों के अनुसार एक मातृका थी। महाभारत शल्य पर्व के अनुसार यह कुमार कार्तिकेय की अनुचरी एक मातृका का नाम भी था। 
 
24.वनदुर्गा- षठप्रहरिणी असुरमर्दिनी माता दुर्गा का एक रूप है वनदुर्गा। वनों की पीड़ा सुनकर उनमें आश्रय लेने वाले दानवोंका वध करने और वनों की रक्षा करने वनदुर्गा के रूपमें अवतरित हुई एक शक्ति है। वनों की पुत्री देवी मारिषा के पोषण हेतु वनदुर्गाका यह अवतार सभी मातृकाओंमे श्रेष्ठ माना जाता है।
 
25.वारुणी : वरुण देवी की पत्नी देवी वरुण या वरुणानी। वाराणसी में वरुणी पंचकोसी यात्रा होती है। 
 
26..नर्मदा देवी : (शिव या राजा मैखल की पुत्री, सोनभद्र की पत्नी)
 
नवदुर्गा :
1.शैलपुत्री (पार्वती देवी)
2.ब्रह्मचारिणी (पार्वती देवी)
3. चन्द्रघंटा : (पार्वती देवी)
4.कूष्मांडा : (पार्वती देवी)
5.स्कंदमाता : (पार्वती देवी)
6. कात्यायनी (ऋषि कात्यायन की पुत्री, महिषासुरमर्दिनी, तुलजा भवानी)
7.कालरात्रि : (पार्वती देवी)
8.महागौरी : (पार्वती देवी) 
9.सिद्धिदात्री : (पार्वती देवी) पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री 
*दुर्गा सप्तशती के अनुसार इनके अन्य रूप भी हैं:- ब्राह्मणी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, नरसिंही, ऐन्द्री, शिवदूती, भीमादेवी, भ्रामरी, शाकम्भरी, आदिशक्ति और रक्तदन्तिका।
 
दस महाविद्याएं :
दस महाविद्याओं में से कुछ देवी अम्बा हैं, तो कुछ सती या पार्वती हैं तो कुछ राजा दक्ष की अन्य पुत्री। हालांकि सभी को माता काली से जोड़कर देखा जाता है।
 
1.काली : (भगवान शंकर की पत्नीं, असुर रक्तबीज का वध करने वाली, अम्बा माता की बेटी, पार्वती की सखी).
 
2.तारा : (प्रजापति दक्ष पुत्री, सती की बहन)
 
3.छिन्नमस्ता : (देवी पार्वती का एक रूप है, सहचरणीं जया व विजया)
 
4.त्रिपुरसुंदरी : (ललिता, राज राजेश्वरी, त्रिपुरा-भैरवी, त्रिपुरा और त्रिपुर सुंदरी जगदम्बा ही त्रिपुरा हैं)
 
5.भुवनेश्वरी : (महालक्ष्मी स्वरूपा, शाकम्भरी और दुर्गा नाम से भी प्रसिद्ध, काली और भुवनेशी प्रकारांतर से अभेद है काली का लाल वर्ण स्वरूप ही भुवनेश्वरी हैं)
 
6.त्रिपुरभैरवी : (नारद-पाञ्चरात्र के अनुसार यह माता काली का ही स्वरूप है), महिषासुर नामक दैत्य के वध से सम्बंधित हैं।सभी सिद्ध योगिनिया हैं:-1.त्रिपुर भैरवी 2.कौलेश भैरवी, 3.रूद्र भैरवी, 4.चैतन्य भैरवी, 5.नित्य भैरवी, 6.भद्र भैरवी, 7.श्मशान भैरवी, 8.सकल सिद्धि भैरवी 9.संपत प्रदा भैरवी 10. कामेश्वरी भैरवी इत्यादि। देवी त्रिपुर भैरवी का घनिष्ठ संबंध 'काल भैरव' से है।
 
7.धूमावती : (सातवीं महाविद्या धूमावती को पार्वती का ही स्वरूप माना गया)।
 
8.बगलामुखी :  मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है जो श्रीविद्या से उत्पन्न हुई है। इन्हें वैष्‍णवी भी कहा जाता है।
 
9. देवी मातंगी : (मतंग मुनि की पुत्री, मातागिरी नाम से प्रसिद्ध)
 
10. देवी कमला : (देवी कमला, भगवान विष्णु से संबंधित, समुद्र मंथन से उत्पन्न)। दीपावली के दिन शैव लोग काली की और वैष्णव लोग कमला की पूजा करते हैं। कमला को ही महालक्ष्मी कहा गया है।
 
चौंसठ योगिनियों के नाम में सभी प्रमुख देवियां शामिल हैं:- 1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी, 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा, 57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली।
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