Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(आंवला नवमी)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल नवमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-अक्षय आंवला नवमी
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

गुप्त नवरात्रि में करें ये साधना, जो चाहोगे वो मिलेगा

हमें फॉलो करें kalika mata puja

WD Feature Desk

Gupt navratri sadhana vidhi: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकम से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस बार 10 फरवरी 2024 शनिवार के दिन से माघ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगी, जो 18 फरवरी रविवार तक चलेगी। गुप्त नवरात्र में दश महाविद्याओं की पूजा और साधना करते हैं। गुप्त नवरात्रि में गुप्त साधनाओं का खासा महत्व रहता है। यदि आप भी करना चाहते हैं साधना तो जानिए कौनसी साधना तो तुरंत फलदायी होगी।
गुप्त नवरात्रि की देवियां:- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं। प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।
 
उपरोक्त में से किसी एक देवी की साधना करना है। सभी 10 देवियों के पूजा के मंत्र:-
 
काली : ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा:।
तारा : ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।
त्रिपुर सुंदरी : श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।
भुवनेश्वरी : ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।
छिन्नमस्ता : श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा:।
त्रिपुरभैरवी : ह स: हसकरी हसे।'
धूमावती : धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
बगलामुखी : ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा:।
मातंगी : श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा:।
कमला : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
माता कालिका की करें साधना:-
मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा
 
साबर मंत्र :
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें।
 
दूसरा साबर मंत्र 
।।ऊँ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी 
ज्योति तेरी है निराली 
पीती भर भर रक्त की प्याली 
कर भक्तों की रखवाली 
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
 
नोट : उपरोक्त में से किसी एक मंत्र का ही प्रयोग करें।
ALSO READ: कार्तिक पूर्णिमा व्रत पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा
दुखों को तुरंत दूर करतीं काली : 10 महाविद्याओं में से साधक महाकाली की साधना को सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली मानते हैं, जो किसी भी कार्य का तुरंत परिणाम देती हैं। साधना को सही तरीके से करने से साधकों को अष्टसिद्धि प्राप्त होती है। काली की पूजा या साधना के लिए किसी गुरु या जानकार व्यक्ति की मदद लेना जरूरी है। महाकाली को खुश करने के लिए उनकी फोटो या प्रतिमा के साथ महाकाली के मंत्रों का जाप भी किया जाता है। इस पूजा में महाकाली यंत्र का प्रयोग भी किया जाता है। इसी के साथ चढ़ावे आदि की मदद से भी मां को खुश करने की कोशिश की जाती है। अगर पूरी श्रद्धा से मां की उपासना की जाए तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। अगर मां प्रसन्न हो जाती हैं तो मां के आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत ही सुखद हो जाता है।
webdunia
पूजन विधि: 
  • गुप्त नवरात्रि पर्व के दिनों में सुबह जल्द उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • देवी पूजन की सभी सामग्री को एकत्रित करें। पूजा की थाल सजाएं।
  • मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं।
  • मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
  • पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें। 
  • इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें। 
  • फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें। 
  • अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें।
  • फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें।
  • पूरे परिवार सहित माता का स्वागत करें, उनका पूजन, आरती करके भोग लगाएं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
  • नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
  • अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
  • गुप्त नवरात्रि अंतिम दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें। 
  • मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, अक्षत चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं।
  • इस तरह नवरात्रि के पूरे दिनों में मां की आराधना करें।
 
जीवनरक्षक मां काली : माता काली की पूजा या भक्ति करने वालों को माता सभी तरह से निर्भीक और सुखी बना देती हैं। वे अपने भक्तों को सभी तरह की परेशानियों से बचाती हैं।
 
* लंबे समय से चली आ रही बीमारी दूर हो जाती हैं।
* ऐसी बीमारियां जिनका इलाज संभव नहीं है, वह भी काली की पूजा से समाप्त हो जाती हैं।
* काली के पूजक पर काले जादू, टोने-टोटकों का प्रभाव नहीं पड़ता।
* हर तरह की बुरी आत्माओं से माता काली रक्षा करती हैं।
* कर्ज से छुटकारा दिलाती हैं।
* बिजनेस आदि में आ रही परेशानियों को दूर करती हैं।
* जीवनसाथी या किसी खास मित्र से संबंधों में आ रहे तनाव को दूर करती हैं।
* बेरोजगारी, करियर या शिक्षा में असफलता को दूर करती हैं।
* कारोबार में लाभ और नौकरी में प्रमोशन दिलाती हैं।
* हर रोज कोई न कोई नई मुसीबत खड़ी होती हो तो काली इस तरह की घटनाएं भी रोक देती हैं।
* शनि-राहु की महादशा या अंतरदशा, शनि की साढ़े साती, शनि का ढइया आदि सभी से काली रक्षा करती हैं।
* पितृदोष और कालसर्प दोष जैसे दोषों को दूर करती हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: 10 फरवरी 2024, आज इन राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें अपना भविष्यफल