आज है महाष्टमी का शुभ दिन, 15 सरल कामों से देवी होंगी प्रसन्न, देंगी सौभाग्य और आरोग्य का वरदान

Webdunia
शनिवार, 9 अप्रैल 2022 (11:26 IST)
Ashtami Puja And Upay: 9 अप्रैल 2022 शनिवार यानी आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है जिसे दुर्गाष्टमी या महाष्टमी कहते हैं। यदि आपके घर में अष्टमी की पूजा और पारण होता है तो आप निम्नलिखित 15 शुभ कार्य अवश्‍य करें। इसे आपके जीवन में धन, समृद्धि के साथ ही माता महागौरी आपको प्रसन्न होकर सौभाग्य और आरोग्य का वरदान देंगी।
 
 
1. व्रत : अष्टमी के दिन विधिवत व्रत रखकर इस दिन व्रत का पारण भी किया जाता है। कुछ घरों में नवमी के दिन पारण होता है।
 
2. उद्यापन : इस दिन व्रत का उद्यापन भी करना चाहिए। जब व्रत के समापन पर उद्यापन किया जाता है तब कन्या भोज कराया जाता है। 
 
3. कन्या भोज : इस दिन कन्या पूजन के बाद कन्याओं को भोजन करना चाहिए। कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन जरूर कराएं। अष्‍टमी पर 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद छोटी कन्याओं को छोटे-छोटे पर्स में दक्षिणा रखकर लाल रंग के किसी भी गिफ्ट के साथ भेंट करें। अष्टमी पर पारण करके उद्यापन करना चाहिए।
 
4. हवन : इस दिन अष्टमी का हवन होता है। किसी पंडित से हवन कराएं या खुद करें। कई लोगों के यहां सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का समापन होता है तब अंतिम दिन हवन किया जाता है। अष्‍टमी के दिन हवन करना शुभ होता है।
 
5. भोग : माता को अर्पित करें ये- 1.खीर, 2.मालपुए, 3.मीठा हलुआ, 4.पूरणपोळी, 5.केले, 6.नारियल, 7.मिष्ठान्न, 8.घेवर, 9.घी-शहद और 10.तिल और गुड़। अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। हालांकि माता को नारियल का भोग लगा सकते हैं। 
 
6. भजन कीर्तन : यदि अष्टमी को पराण कर रहे हैं तो इस दिन माता के नाम का भजन और कीर्तन का आयोजन भी करना चाहिए। 
Ashtmi kemuhurat 2022
7. कुल देवी के साथ करें इनकी पूजा : अष्टमी के दिन कुल देवी की पूजा के साथ ही मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की भी आराधना की जाती है। माता महागौरी अन्नपूर्णा का रूप हैं। इस दिन माता अन्नपूर्णा की भी पूजा होती है इसलिए अष्टमी के दिन कन्या भोज और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है।
 
8. पूजा : मां भगवती का पूजन अष्टमी को करने से कष्ट, दुःख मिट जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती। मां की शास्त्रीय पद्धति से पूजा करने वाले सभी रोगों से मुक्त हो जाते हैं और धन-वैभव संपन्न होते हैं। महाष्टमी के दिन महास्नान के बाद मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है। महाष्टमी के दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है इसलिए इस दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है। अष्‍टमी पर माता दुर्गा के गौरी रूप की पूजा होती है। माता का वर्ण पूर्णत: गौर अर्थात गौरा (श्वेत) है इसीलिए वे महागौरी कहलाती हैं।
 
9. संधि पूजा : अष्टमी और नवमी के बीच के संधिकाल में होती है संधि पूजा। संधि पूजा के समय देवी दुर्गा को पशु बलि चढ़ाई जाने की परंपरा तो अब बंद हो गई है और उसकी जगह भूरा कद्दू या लौकी को काटा जाता है। कई जगह पर केला, कद्दू और ककड़ी जैसे फल व सब्जी की बलि चढ़ाते हैं। इससे माता गौरी के साथ ही माता सिद्धिदात्री भी प्रसन्न होती हैं। 
 
10. दीपमाला : इस दिन संधिकाल में 108 दीपक जलाने से जीवन में छाया अंधकार मिट जाता है।
 
11. चुनरी : अष्‍टमी के दिन सुहागन महिलाएं मां गौरी को लाल चुनरी अर्पित करती हैं तो उनके पति की उम्र बढ़ जाती है।
 
13. ध्वज : देवी मंदिर में लाल रंग की ध्वजा (पताका, परचम, झंडा) जाकर किसी वृक्ष या मंदिर के शिखर पर लगाएं।
 
14. मंदिर में अर्पित करें प्रसाद : आप चाहे तो आरती और पूजा के दौरान इस दिन पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर माता रानी को अर्पित करें। अष्टमी के दिन माता के मंदिर में जाकर लाल चुनरी में मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें। इसके साथ ही देवी को मालपुए और खीर का भोग लगाएं। 
 
15. सुगाहिन महिलाओं के दें भेंट : इस दिन किसी सुहागिन स्त्री को चांदी की बिछिया, कुमकुम से भरी चांदी की डिबिया, पायल, अंबे माता का चांदी का सिक्का और अन्य श्रृंगार की सामग्री भेंट करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 13 नवंबर के दिन किन राशियों को मिलेगी खुशखबरी, किसे होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां

Vaikuntha chaturdashi date 2024: वैकुण्ठ चतुर्दशी का महत्व, क्यों गए थे श्री विष्णु जी वाराणसी?

13 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani ekadasshi 2024: देव उठनी एकादशी का पारण समय क्या है?

अगला लेख
More