Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

आज के शुभ मुहूर्त

(आंवला नवमी)
  • तिथि- कार्तिक शुक्ल नवमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-अक्षय आंवला नवमी
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

chaitra navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि अष्टमी और नवमी का भोग एवं प्रसाद

महाष्टमी और महानवमी पर क्या करें, जानें माता का भोग

हमें फॉलो करें chaitra navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि अष्टमी और नवमी का भोग एवं प्रसाद

WD Feature Desk

, मंगलवार, 16 अप्रैल 2024 (10:54 IST)
HIGHLIGHTS
 
• महाष्टमी के भोग जानें।
• नवमी पर क्या करें।
• नवमी माता का भोग। 
अष्टमी पूजा : चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तथा नवमी के दिन माता का पूजन करके उन्हें भोग चढ़ाया जाता है। यदि आप अष्टमी को पारण कर रहे हैं तो देवी महागौरी का विविध प्रकार से पूजन करके भजन, कीर्तन, नृत्यादि करते हुए उत्सव मनाना चाहिए। 
 
अष्टमी पूजन के दिन यह बात ध्यान देने योग्य हैं कि इस दिन माता को नारियल का भोग लगा सकते हैं, लेकिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इससे बुद्धि का नाश होता है। कई स्थानों पर इस दिन तिल का तेल, लाल रंग का साग, कद्दू और लौकी खाना निषेध माना गया है, क्योंकि यह माता के लिए बलि के रूप में चढ़ता है। इसके अलावा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध कहा गया है।  
 
माता का भोग : इस दिन माता को खीर, मालपुआ, पुरनपोली, घेवर, केला, तिल-गुड़, घी, शहद तथा हलवा का भोग लगाना चाहिए। साथ ही अपनी कुलदेवी के प्रसाद के अनुसार भोग बनाना चाहिए। इस दिन पूजन हवन के पश्चात 9 कन्याओं को भोजन करना चाहिए, तथा हलवा आदि प्रसादस्वरूप देना चाहिए। 
 
नवमी पूजा : इसी तरह चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि की देवी मां सिद्धिदात्री है। नवदुर्गाओं में देवी सिद्धिदात्री अंतिम हैं। इस दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है तथा इस दिन भी अष्टमी की तरह ही कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है। इस दिन लौकी/ घीया खाना निषेध है, क्योंकि लौकी का सेवन इस दिन गौ-मांस के समान कहा गया है। इस दिन या नवमी तिथि पर लौकी के अलावा केला, प्याज, लहसुन, बैंगन और दूध का भी त्याग करना उचित कहा गया है। 
 
माता का भोग : नवमी के दिन देवी सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान देना चाहिए, इससे मृत्यु भय से राहत मिलती है तथा जीवन में अचानक होने वाली अनहोनी की घटनाओं से बचाव होता है। 
 
नवमी के दिन खीर, पूरी, साग, कढ़ी, पुरणपोली, भजिए, हलवा, काले चने, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है। तथा नवमी पर किए जाने वाले कन्या पूजन जिन्हें कंजक भी कहा जाता है। उनको देवीस्वरूप मानते हुए इस दिन छोटी बच्चियों को पूजा की जाती है, भोजन के पश्चात उन्हें दक्षिणा, रूमाल, चुनरी, फल, हलवा तथा खिलौने या उनके उपयोग की जरूरी चीजें उपहार में दी जाती है। तथा उनसे सुख-समृद्धि पाने तथा सदा निरोगी होने का आशीर्वाद लेकर फिर उन्हें विदा किया जाता है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

webdunia
Devi Siddhidatri
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: महाष्टमी का राशिफल, क्या लाया है 16 अप्रैल का दिन आपके लिए, पढ़ें 12 राशियां