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नवरात्रि की चौथी देवी कूष्मांडा के 7 रहस्य

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हमें फॉलो करें Sharadiya Navratri 2022
, बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (18:53 IST)
Maa Kushmanda 2022 : नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कूष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। नवरात्रि की चतुर्थी पर माता के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है, जानिए 7 रहस्य-
 
1. उदर से अंड तक वह अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए है, इसीलिए कूष्‍मांडा कहलाती है।
 
2. सरलतम मंत्र यह है- 'ॐ कूष्माण्डायै नम:।।'
 
3. माता कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाकर दान देने से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है।
 
4. सिंह पर सवार कुष्मांडा देवी की आठ भुजाएं हैं, जिनमें कमंडल, अमृत कलश, धनुष-बाण, कमल, शंख, चक्र, गदा और जपमाला है।
Sharadiya Navratri 2022
5. देवी कुष्मांडा की पूजा और भक्ति से आयु, यश और आरोग्य की वृद्धि होती है।
 
6. इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है।
 
7. देवी कुष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है- कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।

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