Shardiya navratri 2025:22 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि में, घर पर घटस्थापना और दुर्गा पूजा करना एक बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण कार्य है। यह आपके घर में माँ दुर्गा का आह्वान करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे उत्तम तरीका है। घटस्थापना के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
दुर्गा पूजा की सामग्री: कलश (मिट्टी या तांबे का), गंगाजल या स्वच्छ जल, जौ या सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज), आम के पत्ते, नारियल, लाल कपड़ा, कलावा या मोली, सिक्का, मिट्टी का पात्र, मिट्टी, पुष्प, फल, धूप, दीप, अगरबत्ती, मिठाई, दुर्गा माता की मूर्ति या फोटो।
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घटस्थापना दुर्गा पूजा की विधि:
घटस्थापना विधि: मिट्टी का पात्र तैयार करें: सबसे पहले एक चौड़े मुंह वाला मिट्टी का पात्र लें। इसमें थोड़ी मिट्टी डालकर फैला दें और उसमें जौ या सप्तधान्य के बीज बिखेर दें। फिर उस पर एक परत और मिट्टी की डालें। हल्का पानी छिड़कें ताकि मिट्टी नम हो जाए।
कलश स्थापना विधि: कलश स्थापित करें: मिट्टी के पात्र के ऊपर, एक कलश (कलश) स्थापित करें। कलश में पानी और गंगाजल मिलाएं। उसमें एक सिक्का, सुपारी, और लौंग-इलायची डालें। कलश के मुंह पर आम के पत्ते रखें।
नारियल रखें: अब नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलावा से बांधें। नारियल को कलश के ऊपर इस तरह रखें कि उसकी नोक ऊपर की ओर हो।
मंत्र जाप: घटस्थापना करते समय "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का जाप करें।
दुर्गा मां प्रतिमा की स्थापना: कलश के पास ही दुर्गा माँ की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। अब धूप, दीप, पुष्प, फल और मिठाई से माँ की पूजा करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ: यदि संभव हो, तो नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इससे माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करें। छोटी बच्चियों को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पूजा में कुछ महत्वपूर्ण बातें
सात्विक भोजन: नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन ही करें। प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन न करें।
स्वच्छता: पूजा के दौरान और घर में भी पूरी तरह से स्वच्छता बनाए रखें।
अखंड ज्योति: यदि संभव हो, तो नौ दिनों तक अखंड ज्योति (एक लगातार जलने वाला दीपक) जलाएं।