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ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आँकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं।
विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है।
जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है? pic.twitter.com/3NCVHPdK87