नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय की सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना का देशभर में विरोध हो रहा है। सरकार की इस योजना के खिलाफ देशभर में बेरोजगार युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कहीं-कहीं तो इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक शक्ल अखितयार कर ली है। बिहार में इस विरोध प्रदर्शन का ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। वहां उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास पर उपद्रवियों ने हमला किया।
शसस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ बिहार और झारखंड से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक पहुंच गया। नौकरी के इच्छुक बड़ी संख्या में बेरोजगार युवकों ने देश के पूर्वी क्षेत्रों में कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया जबकि कई ट्रेनों को रोक दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के आवास की ओर मार्च निकालने का प्रयास किया, जबकि ओडिशा में भीड़ ने एक छावनी क्षेत्र में प्रदर्शन किया।
योजना की समीक्षा करें मोदी : पटना के बाहरी इलाके दीदारगंज में एक टोल प्लाजा और नवादा में एक पुलिस जीप को भी आग के हवाले कर दिया गया। बिहार के कई अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन हुए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यू) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से 'अग्निपथ' योजना की तत्काल समीक्षा करने का आग्रह किया और अपील की कि सरकार विरोध कर रहे युवाओं को आश्वस्त करे कि उनका भविष्य नई नीति से प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं होगा।
ट्रेन के 30 डिब्बों में आग लगाई : सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए सैकड़ों उम्मीदवारों ने ओडिशा के कटक में रिंग रोड को अवरुद्ध कर दिया और शहर के छावनी क्षेत्र में लगे कुछ होर्डिंग फाड़ दिए। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने लखीसराय और समस्तीपुर स्टेशनों पर दो ट्रेनों के 30 डिब्बों में आग लगा दी और बेतिया में एक रेलवे इंजन को आग लगा दी।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में सियालदाह-बनगांव मार्ग पर ट्रेन सेवाएं शुक्रवार सुबह एक घंटे से अधिक समय तक बाधित रहीं क्योंकि छात्रों के एक समूह ने रेलवे पटरियों पर प्रदर्शन किया।
कई ट्रेनें रद्द : अग्निपथ योजना के विरोध में धनबाद, जमशेदपुर, डाल्टनगंज समेत कई स्थानों पर रेलवे स्टेशनों और रेलवे लाइनों पर प्रदर्शन और रेल रोको के चलते शुक्रवार को पूर्व-मध्य रेलवे को अनेक ट्रेनों को या तो रद्द करना पड़ा अथवा उनके मार्ग परिवर्तित करने पड़े।
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धनबाद में चक्रधरपुर स्थित रेलवे मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पीके मिश्रा ने बताया कि अग्निपथ के खिलाफ कई स्थानों पर रेलवे-रोको के चलते इस मंडल की पांच ट्रेनें धनबाद-पटना, धनबाद-झारग्राम और धनबाद-सिंदरी मार्ग पर रद्द कर दी गईं जबकि इस मंडल से गुजरने वाली अनेक अन्य ट्रेनों को मार्ग परिवर्तित कर चलाया गया। उन्होंने बताया कि हावड़ा-मुंबई मार्ग पर भी ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं।
दिल्ली में भी प्रदर्शन : भारतीय युवा कांग्रेस ने दावा किया कि रायसीना रोड स्थित उसके कार्यालय के मुख्य द्वार पर दिल्ली पुलिस ने बिना कोई कारण बताए अवरोधक लगा दिए, जिसके चलते परिसर 'पुलिस छावनी' में बदल गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इससे पहले, वामपंथी संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) समेत कई छात्र समूहों के कार्यकर्ताओं ने योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे 'विनाशकारी' करार दिया। आइसा ने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों में स्थायी नौकरियों को नष्ट करने के अलावा और कुछ नहीं है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई योजना अग्निपथ का ऐलान किया। इसके तहत, बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें अग्निवीर कहा जाएगा।
न ग्रेच्युटी न ही पेंशन : इस योजना के तहत, सेना में इस वर्ष लगभग 40,000 सैनिकों की भर्ती तथा नौसेना में लगभग 3,000 नाविकों के शामिल होने की उम्मीद है और वायुसेना इस वर्ष 3,000 वायुसैनिकों की भर्ती करने के लिए तैयार है। हालांकि, सशस्त्र बलों में नौकरी के इच्छुक लोग इस योजना से खुश नहीं हैं और वे पिछले कुछ दिनों से देश भर के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। योजना में चार साल तक सेवाएं देने के बाद अधिकतर सैनिकों को ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात कही गई है। (भाषा/वेबदुनिया)