भारत में कुछ ही दिनों के भीतर तीन रूसी नागरिकों की मृत्यु हो गई है, लेकिन दोनों देशों के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पिछले केवल दो हफ्तों में भारत में एक तीसरे रूसी नागरिक की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। स्थानीय पुलिस का हवाला देते हुए मीडिया का कहना है कि पिछली दोनों मौतों की तरह तीसरी मौत भी ओडिशा में ही हुई है।
मंगलवार, 3 जनवरी की सुबह ओडिशा के तट पर लंगर डाले एक जहाज़ में 51 वर्षीय सेर्गेई मिलियाकोव को मृत पाया गया। वे 'एमबी अल्दनाह' नाम के इस जहाज़ के मुख्य इंजीनियर थे। यह जहाज़ इस समय पारादीप बंदरगाह से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर लंगर डाले हुए है। एक भारतीय इस्पात कंपनी लौह अयस्क की ढुलाई के लिए इस समय उसका उपयोग कर रही है।
पुलिस और बंदरगाह के अधिकारियों ने भी सेर्गेई मिलियाकोव की मृत्यु की पुष्टि की है। अधिकारियों ने कारण के तौर पर दिल का दौरा पड़ने का संदेह व्यक्त किया है। एक पुलिस अधिकारी ने 'टेलीग्राफ इंडिया' को बताया कि हमें शवपरीक्षा की रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। फ़िलहाल जहाज़ के कर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है।
प्रोटोकॉल के अनुसार पूरी की जाएंगी सारी औपचारिकताएं : पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष पीएल हरनाध ने संवाददाताओं से कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच जब तक पूरी नहीं हो जाती, वे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। हरनाध ने कहा- 'हमें जहाज के कप्तान से (मंगलवार की) सुबह संदेश मिला कि जहाज़ के रूसी मुख्य इंजीनियर की मृत्यु हो गई है। हमारे स्वास्थ्य अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। प्रोटोकॉल के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।'
सेर्गेई मिलियाकोव कथित तौर पर 18 सितंबर को सिंगापुर में 'एमबी अल्दनाह' पर सवार हुए थे। जहाज़ को तुर्की के इस्केंदेरन जाना था। वह बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह से चला था और लौह अयस्क मुंबई ले जाने के लिए पारादीप आया था।
कई सवाल हैं : पारादीप बंदरगाह के एक अधिकारी ने 'टेलीग्राफ इंडिया' को बताया, 'बीमा के नियमन और रूसी दूतावास की मंजूरी जैसे कई सवाल हैं।' इन सभी औपचारिकताओं को निपटाने में समय लगेगा। एक बार उनके पूरा हो जाने पर स्थानीय पुलिस शव को शवपरीक्षा के लिए ले जाएगी और एक न्यायाधीश की देखरेख में मृत्यु का कारण निर्धारित किया जाएगा।
स्थानीय पुलिस-प्रमुख निमाई चरण सेठी ने मीडिया को बताया कि शवपरीक्षा के बाद शव मृतक के परिवार को दिए जाने तक मुर्दाघर में रखा जाएगा। सेर्गेई मिलियाकोव का मामला रूसी नागरिकों की रहस्यमय मौतों वाली घटनाओं की कड़ी में एक और ऐसी घटना है, जिन के बारे में अटकलें लगाई जाती हैं कि वे सच्ची मौतें नहीं हैं। वे ऐसे रूसी नागरिकों को रास्ते से हटा देने की घृणित कार्रवाइयां हैं, जो राष्ट्रपति पुतिन का विरोध या आलोचना करने का दुस्साहस करते हैं।
रहस्यमय मौतों वाली घटनाओं की कड़ी : रूस के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक, पावेल अंतोव के बारे में पिछले 24 दिसंबर को कहा गया कि उनकी ओडिशा के ही एक होटल की तीसरी मंजिल से गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई। अंतोव ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामण की आलोचना की थी। उनकी दुखद मृत्यु के ठीक दो दिन पहले ही, उनके साथी व्लादिमीर बुदानोव की, कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
भारत में, और भारत के ही अकेले ओडिशा राज्य में, केवल दो ही सप्ताहों के भीतर, तीन-तीन रूसी नागरिकों की मृत्यु से दाल में कुछ काला होने का संदेह होना स्वाभाविक है। रूसी नागरिकों की कथित आकस्मिक मौतों के समाचार अब तक या तो स्वयं रूस से, या अन्य देशों से आते रहे हैं। ऐसी मौतें अब भारत में होना समझ से परे है। यह हो नहीं सकता कि रूस के लोग अपने प्राण त्यागने के लिए अब भारत आने लगे हैं। इस तरह के मामले स्वयं भारत के लिए भी किसी धर्मसंकट से कम नहीं हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala