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आयोग का कार्यकाल 48 बार बढ़ा

हमें फॉलो करें आयोग का कार्यकाल 48 बार बढ़ा
नई दिल्ली (वार्ता) , मंगलवार, 30 जून 2009 (22:38 IST)
अयोध्या में विवादित ढाँचा ढहाए जाने की घटना के बारे में रिपोर्ट मिलने में छह महीने की जगह साढ़े सोलह साल लग गए। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस लिब्रहान नीत एक सदस्यीय इस आयोग का कार्यकाल अप्रत्याशित रूप से 48 बार बढ़ाया गया।

छह दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के दस दिन बाद यानी उसी वर्ष 16 दिसम्बर को तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की सरकार ने यह जाँच आयोग का गठित कर दिया था।

इसकी पहली सुनवाई मार्च 1993 में हुई। इससे पहले न्यायमूर्ति लिब्रहान नवम्बर 2000 तक आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और इसीलिए इस जाँच को पूरा समय नहीं दे पा रहे थे।

आयोग का कार्यकाल बढ़ाए जाने की महत्वपूर्ण तारीखें इस प्रकार रहीं-
1 जुलाई 2002, 1 जनवरी 2003 30 जून 2003, 11 मार्च 2004, 9 सितम्बर 2004, 24 मार्च 2005, 25 जून 2005, 30 सितम्बर 2005, 12 दिसम्बर 2005, 23 मार्च 2006, 29 जून 2006, 2 जनवरी 2007, 4 अप्रैल 2007, 31 अगस्त 2007, 1 नवम्बर 2007, 29 फरवरी 2008 और 1 मई 2008। आखिरी बार इसका कार्यकाल 31 मार्च 2009 को 48वीं बार बढ़ाया गया।

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