नई दिल्ली। भाजपा नेता और केन्द्र में वित्तमंत्री के रूप में सात बार बजट पेश कर चुके यशवंत सिन्हा मोदी सरकार की कई नीतियों खासका आर्थिक नीतियों से नाराज दिखे। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में पूरी गति से काम नहीं हो रहा है। अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है और रोजगार को लेकर भी लोगों में चिंता है। उन्होंने कहा कि जब रोजगार है ही नहीं तो आप देंगे कहां से। देश में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि आप 24 घंटे काम करेंगे तो भी समस्याओं से पार नहीं पा सकते।
नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी का नतीजा जाने बिना और उसकी छानबीन किए बिना जीएसटी लाया गया। उन्होंने कहा कि एक झटके में भारत कैशलैस नहीं हो सकता। मोदी सरकार की लंबी अवधि में फायदे की दलील को भी सिन्हा बेकार करार दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि इस तरह की बातें सामने लानी चाहिए। विकास दर गिरने से देश में चिंता है। 8 लाख करोड़ बैंकों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए के वक्त पॉलिसी पैरालिसिस था, लेकिन अब 40 महीने बाद पिछली सरकार को दोष देना ठीक नहीं है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली की क्षमताओं को लेकर सिन्हा ने कहा कि वित्त मंत्रालय अपने आप में बड़ा मंत्रालय है। उन्हें रक्षा मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय जैसी जिम्मेदारियां भी दे दी गईं। ऐसे में एक व्यक्ति इतना बोझ कैसे उठा सकता है। एक ही आदमी पर आप इतना बोझ लाद देंगे तो वह खास समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दे पाएगा।