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भाजपा नेता यशवंत सिन्हा का हमला, मोदी सरकार सभी को गरीब बनाने पर तुली

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नई दिल्ली , बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (11:40 IST)
लगातार गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए भाजपा के दिग्गज नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया।
 
पूर्व वित्‍त मंत्री और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता ने अर्थव्‍यवस्‍था की सुस्‍त रफ्तार पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया लेते हुए इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्‍मेदार ठहराया है। इंडियन एक्‍सप्रेस में प्रकाशित अपने लेख में उन्‍होंने यह भी कहा कि भाजपा में कई लोग यह जानते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार धीमी हो रही है लेकिन डर के मारे वह बोल नहीं पा रहे हैंI'
 
'need to speak up now' शीर्षक से प्रकाशित अपने लेख में सख्‍त लहजे में अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट के लिए नोटबंदी और जीएसटी के निर्णयों को जिम्‍मेदार ठहराया। यशवंत सिन्‍हा ने लिखा कि नोटबंदी के चलते अर्थव्‍यवस्‍था पर बेहद विपरीत असर पड़ा है और वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) का क्रियान्‍वयन खराब तरीके से किया गया। 
 
यशवंत सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीबी से देखा है। ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम कर रहे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी पास से दिखाएं।
 
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित लेख में यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज हो रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और बिजनेस पर काफी फर्क पड़ा है।
 
जेटली पर वार करते हुए उन्होंने लिखा कि इस सरकार में वह अभी तक सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही यह तय माना जा रहा था कि जेटली ही वित्त मंत्री बनेंगे। अपनी लोकसभा सीट हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका।
 
सिन्हा ने लिखा कि इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को भी वाजपेयी करीबी होने के बावजूद मंत्री नहीं बनाया गया था। लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला। उन्होंने लिखा कि मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है मुझे पता है ये आसान काम नहीं है। यह एक 24 घंटे का काम है जिसे जेटली जैसे सुपरमैन भी पूरा नहीं कर सकते हैं।
 
उन्‍होंने जीडीपी के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए। पिछले दिनों भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने जीडीपी में गिरावट के लिए 'तकनीकी' कारणों को जिम्‍मेदार ठहराया था। इस पर भी उन्‍होंने निशाना साधा। इसके साथ ही कहा कि भाजपा ने आर्थिक वृद्धि की गणना के तरीकों को बदल दिया है वर्ना जीडीपी के ताजा आंकड़े पहले की तुलना में कहीं कम होते।
 
सिन्हा ने कहा कि जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती।
 
उल्‍लेखनीय है कि पिछले महीने जारी वित्‍त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी की दर गिरकर 5.7 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह दर 7.6 फीसद थी। 

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