नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुरंग का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने का फैसला किया है। सुरंग को नया नाम बुधवार को वाजपेयी की जंयती के अवसर पर दिया जाएगा।
रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान के सम्मान स्वरूप रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुंरग का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया है।
क्या है सुरंग की विशेषता : रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह सुरंग 8.8 किलोमीटर लंबी है। यह 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी।
सुरंग का निर्माण जल्दी ही पूरा होने वाला है। इससे हिमाचल प्रदेश के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों और लद्दाख के बीच सभी तरह के मौसम में सड़क यातायात सुगम हो जाएगा। इससे पहले ठंड के मौसम में इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से छह महीने तक पूरी तरह खत्म हो जाता था।
एक अधिकारी ने बताया कि इसके निर्माण के दौरान सीमा सड़क संगठन को कई तरह की भौगोलिक और मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खासतौर से सेरी नाला फॉल्ट जोन के 587 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य काफी जटिल और मुश्किल भरा रहा।