क्‍या ‘वर्क फ्रॉम होम’ अब हो सकता है ‘स्‍थाई कल्‍चर’?

नवीन रांगियाल
शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021 (17:04 IST)
कोरोना संक्रमण ने जिंदगी की कई रस्‍मों- रिवाजों, कल्‍चर और नियमों को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है, ऐसे में वर्क कल्‍चर यानि ऑफ‍िस जाकर काम करने के कल्‍चर में भी अब बदलाव आना तय है।

कई निजी कंपनियों ने तो वर्क फ्रॉम होम कल्‍चर शुरू कर दिया है, वहीं आने वाले दिनों में कुछ दूसरी कंपनियां भी इसे लेकर घोषणाएं कर सकती हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कि अब कोरोना संक्रमण के बाद वर्क फ्रॉम होम को स्‍थाई रूप से लागू कर दिया जाए।

दरअसल, अब तक कई कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं थी, लेकिन पिछले साल आए कोरोना संक्रमण के बाद जब कई कंपनियों के कर्मचारियों ने घर से काम किया तो कंपनियों को भी इसमें फायदा नजर आने लगा। कर्मचारियों के ऑफ‍िस आने के प्रबंध, सिक्योरिटी, कैंट‍ीन, लाइट, मैंटेनेंस और इसी तर‍ह के तमाम प्रबंधों को लेकर कंपनी को परेशान होने के साथ ही उसका खर्च उठाना पडता था, ऐसे में अगर उनके कर्मचारी घर से ही काम करते हैं तो कंपन‍ियों को ही फायदा होगा।

पिछले साल माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपने कर्मचारियों को स्थाई रूप से घर से काम करने की इजाजत दी थी। कहा गया था कि महामारी खत्म होने के बाद भी माइक्रोसॉफ्ट के कर्मचारी जब तक चाहें अपने घर से काम जारी रख सकते हैं। हालांकि इसके लिए पहले उन्हें कंपनी से अनुमति लेनी होगी। इससे पहले फेसबुक, ट्विटर समेत अपने कई कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम को महामारी के बाद भी जारी रखने का ऐलान किया था।

कहा गया था कि हार्डवेयर रिसर्च, डेवलपमेंट और ट्रेनिंग में शामिल कर्मचारियों को शायद ऑफ‍िस आना होगा। हालांकि ऐसे कर्मचारी जिन्हें अपना काम करने के लिए दफ्तर आने की जरूरत नहीं है वो पूरी तरह से घर से काम कर सकते हैं। यहां तक कि मल्‍टीनेशनल कंपनियों ने अपने विदेशी कर्मचारी को भी अपने देश से काम करने की योजना बनाई थी।

एक रिपोर्ट के मुताबि‍क माइक्रोसॉफ्ट के 1.5 लाख कर्मचारियों में से अधिकांश स्थाई रूप से वर्क फ्रॉम होम की सुविधा पाने के योग्य माने गए थे।

इधर भारत सरकार भी अब वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप देने जा रही है। इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि सर्विस सेक्टर में महिलाओं के लिए जॉब के ज्यादा मौके बनेंगे। सरकार का फोकस खासतौर पर छोटे शहरों में आने वाले दिनों में महिलाओं के लिए रोजगार के अधिक मौके पैदा करना है। देश के छोटे शहरों में महिलाओं को जॉब उपलब्ध कराने में वर्क फ्रॉम होम बहुत मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही वैसे रिटायर्ड कर्मचारी जो पार्ट टाइम बेसिस पर काम करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

बता दें क‍ि कोरोना महामारी के संकट की वजह से छोटे-मझोले शहरों में करीब 50 प्रतिशत महिलाओं की जॉब चली गई है। सिएल एचआर सर्विस के एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई थी। सिएल सर्विस एक स्टाफिंग और रिक्रूटमेंट फर्म है। इसने सर्वे करने के लिए देशभर की 1000 से अधिक कंपनियों से बातचीत की थी। इनमें से बहुत सी महिलाएं हालांकि अब काम पर लौट चुकी हैं।

ऐसे में जिस तरह से कोरोना महामारी ने दूसरी बार हमला किया है, ऐसे में भारत सरकार वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक बनाने के लिए कोई विचार कर सकती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कौन हैं रेखा गुप्ता, जो बनीं दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री

Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष पर यूं बरसे योगी आदित्यनाथ, समाजवादी जिस थाली में खाते हैं, उसी में करते हैं छेद

खुशखबरी, भारत के कर्मचारियों की सैलरी 9.2 प्रतिशत बढ़ेगी, रिसर्च में खुलासा

Lic smart pension plan : क्या है एलआईसी की स्मार्ट पेंशन योजना, कैसे ले सकते हैं लाभ

क्या जॉर्ज सोरोस के लिए काम करती थीं स्मृति ईरानी? कांग्रेस के सवाल पर भाजपा का पलटवार

सभी देखें

नवीनतम

Gold : सोने की ऊंची छलांग, कीमत सुन उड़ जाएंगे होश, चांदी भी 99000 के पार

भगवामय हुआ रामलीला मैदान, रेखा गुप्ता की ताजपोशी में BJP का शक्ति प्रदर्शन

प्रवेश वर्मा हैं दिल्ली कैबिनेट में BJP का जाट चेहरा, केजरीवाल को हराकर किया था बड़ा उलटफेर

Delhi CM Rekha Gupta : रेखा गुप्ता के लिए AAP सरकार छोड़ गई बड़ी चुनौती, कैसे हासिल कर पाएंगी लक्ष्य

लाडकी बहन योजना का किसे मिला सबसे ज्‍यादा लाभ, महाराष्ट्र सरकार ने जारी किए आंकड़े

अगला लेख
More