Uttarakhand UCC news : उत्तराखंड विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता (UCC) पर विधेयक पेश किया जाएगा। अगर यह बिल पास हो जाता है तो उत्तराखंड आजादी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
विधानसभा में बिल पेश करने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी सभी वर्गों के लिए अच्छा होगा और इसके लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों से सदन में सकारात्मक तरीके से विधेयक पर चर्चा करने का अनुरोध भी किया।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को साकार करने में मददगार होगा। न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लोग यूसीसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जनता के सामने यूसीसी लाने का संकल्प लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश उत्तराखंड की तरफ देख रहा है। उत्तराखंड के लिए यह एक युगांतकारी समय है। पूरे देश की नजर हमारी तरफ है कि किस प्रकार से विधेयक आता है और किस प्रकार की चर्चा होती है।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में 6 फरवरी को सदन के पटल पर रखे जाने को मंजूरी दी थी। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।
वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।
कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है।
यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।
Edited by : Nrapendra Gupta