नई दिल्ली। कोयले की कमी से त्योहारों से पहले देशभर में अंधेरा छा सकता है। कई राज्य कोयले की कमी को लेकर केंद्र से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन ऊर्जा मंत्री ने कोयले की कमी से इंकार किया है। गुल हो जाएगी देश में बिजली? पंजाब में 3, केरल में 4 और महाराष्ट्र में 20 थर्मल पॉवर स्टेशन बंद हो चुके हैं।
सभी कोयले की कमी के कारण बंद हुए हैं। संभावित बिजली संकट के डर से, कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से अपने राज्यों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है। महाराष्ट्र के ऊर्जा विभाग ने नागरिकों से बिजली बचाने का आग्रह किया है। केरल सरकार ने भी चेतावनी दी है कि उन्हें लोड-शेडिंग का सहारा लेना पड़ सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि कोयले और गैस को बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों की तरफ मोड़ा जा सके।
इस बीच, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को कहा कि दिल्ली में बिजली की कोई कमी नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी कोयले की आपूर्ति बनी रहेगी। आर के सिंह ने कहा कि देश प्रतिदिन कोयले की औसत आवश्यकता से चार दिन आगे है और इस मुद्दे पर एक अनावश्यक दहशत पैदा की जा रही है। राज्य निश्चित रूप से घबराते दिख रहे हैं। केंद्र का मानना है कि चिंता करने की जरूरत नहीं है।
राज्यों ने शुरू की कटौती : कई राज्यों में जनता को कटौती का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब में 4-4 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है, वहीं राजस्थान और यूपी में भी कटौती की जा रही है। बिहार के गया में भी लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कमी से किया इंकार : देश में 70 प्रतिशत बिजली कोयले द्वारा उत्पन्न की जाती है। ऊर्जा मंत्री ने बयान दिया है कि कोयले की कोई कमी नहीं है। कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है। मंत्रालय ने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया।
कितना भंडार : कोयला मंत्रालय ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है जो चार दिन के लिए पर्याप्त है। कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है। देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन इस साल सितंबर तक 24 प्रतिशत बढ़ा है। बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है। दैनिक कोयला आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन की है।