बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भले ही अभी चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखें नहीं घोषित की है लेकिन पूरा सियासी माहौल गर्मा गया है। विधानसभा चुनाव की तारीखों से एलान से पहले कांग्रेस की बिहार में SIR को लेकर निकाली गई वोट अधिकार यात्रा का समापन सोमवार को हो गया है। 17 अगस्त से बिहार के सासाराम से शुरु हुई वोटर अधिकार यात्रा ने 13 दिनों की 1300 किलोमीटर की यात्रा में 23 जिलों को कवर किया। इस यात्रा से कांग्रेस और आरजेडी ने करीब बिहार की 110 विधानसा सीटों को कवर किया।
बिहार में विपक्ष की एकजुटता का प्रदर्शन-वोट अधिकार यात्रा में इंडिया गठबंधन ने अपनी एकुजटता का प्रदर्शन किया। वोट अधिकार यात्रा में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, प्रियंका गांधी,कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सुप्रिया सुले शामिल हुए। वोट अधिकार यात्रा में शामिल हुए इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एक सुर में भाजपा के साथ पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर निशाना साधा।
ऐसे में अब जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग कभी भी चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। जब बिहार में सीटों का बंटवारा और मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर विपक्षी गठबंधन एक राय बनानी होगी। सीटों का बंटवारा बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष के प्रदर्शन को बहुत असर डाल सकता है।
राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम का दांव-राहुल गांधी ने वोट अधिकार यात्रा के समापन पर राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम वाले बयान ने अब सियासत को और गर्मा दिया है। राहुल ने पटना के गांधी मैदान में कहा कि बिहार में इस यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिला है, भाजपा के लोग काले झंडे दिखा रहे हैं, लेकिन वे सुन लें, एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, और वह आ रहा है. वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश के सामने आने वाली है. इसके बाद नरेंद्र मोदी देश की जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे। वहीं वोट अधिकार यात्रा के समापन पर तेजस्वी यादव ने यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि बिहार की आम आवाम जाग चुकी है जो अब इन बेइमानों को गद्दी से और सत्ता से हटाएगी, जो लोग लोकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
कांग्रेस संगठन को खड़ा करने की कोशिश-बिहार में वोट अधिकार यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने कांग्रेस को जमीन पर खड़ा करने की कोशिश की। राहुल ने जिस अंदाज में यात्रा की उसमें वह पार्टी कार्यकर्ताओं को गले लगाते हुए, हाथ मिलाते हुए, चाय पीते हुए और बाइक चलाते हुए नजर आए। राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान आम लोगों से जुड़कर एक तरफ कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश की, तो दूसरी तरफ आम लोगों को यह समझाने की भी भरपूर कोशिश की कि उनकी यात्रा का मकसद यह है कि बिहार में एक भी वोट की चोरी न हो.
वोटर चोरी का नैरेटिव करा पाएगा सत्ता में वापसी?-वोट अधिकार यात्रा के जरिए राहुल और तेजस्वी की जोड़ी ने बिहार में भाजपा के खिलाफ वोट चोरी' वाला नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की। बिहार में कांग्रेस तीन दशकों और आरजेडी 20 सालों से सत्ता से बाहर है। ऐसे में राहुल-तेजस्वी ने विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा निकालकर सियासी माहौल बनाने की कवायद की।
सासाराम से पटना की तक की यात्रा में राहुल गांधी ने अपने हर मंच से वोट चोरी को मुद्दा बनाया। वोट अधिकार यात्रा में भीड़ तो जमकर उमडी लेकिन देखना यह होगा कि राहुल-तेजस्वी की जोड़ी इस भीड़ को वोट में बदलकर बिहार में अपना दो दशक पुराना वनवास खत्म कर पाती है।