Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Lok Sabha Election : क्‍या गुजरात की 26 सीटों पर BJP का कब्जा रहेगा बरकरार, निर्णायक भूमिका निभाएंगे ये प्रमुख मुद्दे...

हमें फॉलो करें Lok Sabha Election : क्‍या गुजरात की 26 सीटों पर BJP का कब्जा रहेगा बरकरार, निर्णायक भूमिका निभाएंगे ये प्रमुख मुद्दे...

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

अहमदाबाद , शनिवार, 16 मार्च 2024 (22:19 IST)
Will BJP be able to retain its hold on 26 Lok Sabha seats of Gujarat : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करिश्मा उन प्रमुख कारकों में से एक है जो गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को संभवत: सर्वाधिक प्रभावित करेंगे। ऐसा राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है। कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जो गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए एक चरण में 7 मई को मतदान होगा और मतगणना 4 जून को होगी।
सत्ताविरोधी भावना, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी हैं, लेकिन भाजपा की कोशिश गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखने की होगी जिन पर उसने वर्ष 2019 के चुनाव में जीत दर्ज की थी। गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान निर्णायक भूमिका निभाने वाले प्रमुख मुद्दे हैं : 
 
प्रधानमंत्री मोदी का करिश्मा : सत्ताधारी भाजपा के पास प्रधानमंत्री मोदी के रूप में एक तुरुप का पत्ता है जो गुजरात से हैं और वर्ष 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। अपने गृह राज्य में समर्थकों पर उनका दबदबा अब भी बरकरार है।
 
सत्ता विरोधी भावना : पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि विपक्ष केंद्र में भाजपा के पिछले 10 वर्ष के शासन के दौरान किसी भी सत्ता विरोधी भावना का फायदा उठाने की कोशिश करेगा। उन्हें लगता है कि विचारधारा के आधार पर वोट नहीं देने वाले लोगों को उचित विकल्प पेश करके विपक्ष द्वारा प्रभावित किया जा सकता है।
 
मुद्रास्फीति : मुद्रास्फीति के प्रभाव के संदर्भ में निम्न और मध्यम आय वाले परिवार सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए यह इस बात पर विचार करने में निर्णायक कारक होगा कि पिछले 10 वर्षों में मूल्य वृद्धि ने लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित किया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है।
 
बेरोजगारी : यह एक और मुद्दा है जिसका उपयोग विपक्षी दल केंद्र पर हमला करने के लिए कर रहे हैं। चूंकि यह मुद्दा सीधे तौर पर आम लोगों के जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए जब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे तो उनके मन में यह बात सबसे ऊपर होगी।
 
दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव : यदि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल की कक्षाओं का निर्माण किया जाता है, तो वहां शिक्षकों की कमी होती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकों की कमी भी ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
किसानों के मुद्दे : पर्यवेक्षकों ने कहा कि अत्यधिक बारिश के कारण फसल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजे की कमी, उर्वरकों की अनुपलब्धता और परियोजना विकास के लिए भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे भी मतदाताओं के रुख को प्रभावित करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Lok Sabha Election : छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों के लिए 3 चरणों में होंगे चुनाव