जम्मू। हालांकि 5 अगस्त को दशनामी अखाड़ा से अमरनाथ यात्रा की प्रतीक पवित्र छड़ी अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होगी, जिसे 11 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन गुफा में स्थापित किया जाएगा और इसकी स्थापना के साथ ही अमरनाथ यात्रा की समाप्ति की घोषणा की जाएगी, परंतु उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की सलाह के बाद यह चर्चा आम है कि यात्रा को इस बार खराब मौसम के कारण 5 अगस्त को ही खत्म कर दिया जाएगा।
दरअसल सिन्हा ने कल छड़ी पूजन के अवसर पर मौसम विभाग की पांच अगस्त के बाद की खराब मौसम की चेतावनियों का हवाला देते हुए यात्रा में शामिल होने के इच्छुक लोगों से कहा था कि वे पांच अगस्त से पहले इस यात्रा में शिरकत कर लें।
यह सच है कि मौसम विभाग ने पांच अगस्त के बाद पूरे प्रदेश में मौसम के जबरदस्त खराब रहने की चेतावनी जारी करते हुए यह भी कहा है कि अमरनाथ यात्रा मार्ग और गुफा के बाहर बादल फटने की घटनाएं हो सकती हैं। विभाग ने इस संबंध में उचित प्रबंध करने की सलाह देते हुए यात्रा को स्थगित करने की भी सलाह दी है। वैसे भी पिछले कई दिनों से यात्रा खराब मौसम के कारण हिचकोले खा रही है।
जानकारी के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में कमी के कारण लंगर वालों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। कुछ लंगर वाले लौट रहे हैं। बालटाल, पहलगाम से यात्रा मार्ग पर कई शिविरों में लंगर भी वापस जाना शुरू हो रहे हैं। चूंकि श्रद्धालुओं की संख्या कम हो रही है इसलिए लंगर कम होना शुरू हो गए हैं।
अंत तक कुछ ही लंगर रहेंगे। अमरनाथ की यात्रा तीस जून से शुरू हुई थी जो 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। अमरनाथ की यात्रा के दौरान आठ जुलाई को प्राकृतिक आपदा में 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
पवित्र गुफा के नजदीक बादल फटने की घटना हुई थी। अब तक 2.85 लाख के करीब श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए हैं। यात्री निवास भगवती नगर जम्मू में आए बिना भी सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंचकर यात्रा की है।