चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के गलत आंकलन के कारण अलगाववादी अमृतपाल सिंह 18 मार्च को पुलिस की गिरफ्त से बच निकलने में कामयाब रहा और अब तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आशंका है कि अमृतपाल पड़ोसी राज्य हरियाणा फरार हो गया है। पुलिस ने केवल एक ही स्थान पर चाक-चौबंद तैयारी की थी और उसे उसके गांव में नहीं पकड़ा।
अधिकारियों के मुताबिक, राज्य पुलिस के स्तर पर आंकलन में यह बड़ी चूक थी। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी के अजनाला प्रकरण के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर कार्रवाई करने का फैसला किया, लेकिन आनंदपुर साहिब में आयोजित होला मोहल्ला मेले के कारण ऐसा नहीं कर सकी, जहां 6 से 8 मार्च तक एक धार्मिक जुलूस का आयोजन होता है।
अधिकारियों के अनुसार, 30 वर्षीय खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर करीबी निगरानी रखने के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए 18 मार्च को बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। अभियान तब शुरू किया गया, जब वह अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा से बठिंडा जा रहा था।
उन्होंने बताया कि अमृतपाल का 5 वाहनों का काफिले 18 मार्च को अपने गांव से रवाना हुआ और वह एक मर्सिडीज कार में सवार था। काफिले को सतलुज नदी पार करनी थी और पंजाब पुलिस के कमांडो की टीम हरिके बैराज पर उसका इंतजार कर रही थी।
काफिले में शामिल रहे एक पायलट वाहन ने बैराज पर इंतजार कर रहे सशस्त्र पुलिसकर्मियों के दल को देखा। वाहन चालक अमृतपाल सिंह को इस बारे में सूचित करने के लिए वापस लौटा। अमृतपाल ने तुरंत रास्ता बदल दिया और गोविंदवाल साहिब में सतलुज नदी को पार किया, जहां कुछ ही पुलिसकर्मी तैनात थे।
अधिकारियों ने कहा कि पंजाब पुलिस को भरोसा था कि अमृतपाल हरिके बैराज मार्ग का ही सहारा लेगा, जिसके चलते अन्य मार्गों पर खालिस्तान समर्थक को पकड़ने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी और पुलिस की गिरफ्त से बच निकलने में कामयाब रहा। (भाषा)