अयोध्या। तपस्वी छावनी के स्वामी परमहंस दास भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर जल समाधि लेने पर अड़े हुए हैं। इससे पहले परमहंस ने मंगलवार को कफन पूजन भी किया था।
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जलसमाधि लेने पर अड़े स्वामी परमहंस किया नजरबंद।
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परमहंस दास जल समाधि लेने के पूर्व हवन-पूजन किया।
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अधिकारियों के समझाने के बावजूद परमहंस अभी भी जल समाधि लेने पर अड़े।
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जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा मैं नही मानूंगा- परमहंस।
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संत परमहंस पर जानलेवा हमले के प्रयास में पकड़ा गया एक युवक।
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यह दूसरे संप्रदाय का बताया जा रहा है।
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चाकू लेकर गया था युवक। सुरक्षा गार्ड ने पकड़कर अयोध्या पुलिस के हवाले किया।
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करणी सेना ने किया स्वामी परमहंस का समर्थन।
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करणी सेना ने कहा कि परमहंस के समर्थन सेना सड़कों पर उतरेगी।
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करणी सेना के जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह ने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र बनने में क्या समस्या आ रही है यह बताएं।
क्या है पूरा मामला : छावनी के महंत जगदगुरु स्वामी परमहंस दास ने पिछले दिनों आयोजित धर्मसंसद में ऐलान किया था कि यदि 2 अक्टूबर तक भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया या हिंदू राष्ट्र को लेकर सरकार ने उनसे बातचीत नहीं की तो वह सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे। अपने प्राणों की आहुति दे देंगे।
धर्म संसद में भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग उठी थी। इसी दौरान स्वामी परमहंस दास ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि 2 अक्टूबर तक भारत देश को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो वे सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे। वे चाहते हैं ईसाई और मुसलमानों की नागरिकता भी समाप्त की जाए।
स्वामी परमहंस की अन्य मांगें...
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तीर्थ स्थलों के 84 कोस की सीमा में मांस और मदिरा को प्रतिबंधित किया जाए।
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पाठ्यक्रमों में मुगल आक्रांताओं को महान नहीं बताया जाए।
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भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सहित अन्य देशभक्तों और शहीदों के बारे में पढ़ाया जाए।
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देश के मठ-मंदिरों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए उनकी बिजली और पानी को मुफ्त किया जाए। सरकार संतों को एक लाख रुपए मानदेय भी प्रदान करे।
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गाय को राष्ट्रमाता घोषित करें और रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए।
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परमहंस पूर्व में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को अपनी मांग के संबंध में पत्र भी भेज चुके हैं। महंत भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।