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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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क्‍यों लग रही स्‍कूटर में आग, बैटरी सेफ्टी से लेकर बैटरी हेल्‍थ तक, खरीदने से पहले एक्‍सपर्ट से जानिए किन चीजों का रखना है ध्‍यान

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नवीन रांगियाल

हाल ही में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई। जिसके बाद लोगों में यह डर घर कर गया है कि वे स्‍कूटर खरीदें या नहीं। कहीं उनके नए स्‍कूटर में इसी तरह आग तो नहीं लग जाएगी।

ऐसे में इलेक्‍ट्रिक वाहनों में बैटरी किस जलवायु के लिए बनी हो, बैटरी की हेल्‍थ का पैरामीटर क्‍या हो और बैटरी सुरक्षा कैसी हो। इन सबको लेकर ग्राहकों के मन में कई सवाल हैं।

इन सबके बारे में कंपनियों के फाउंडर ही अब सामने आकर जवाब दे रहे हैं। उन्‍होंने स्‍कूटर में आग लगने वाली तमाम घटनाओं से लेकर स्‍कूटर के मैन्‍यूफेक्‍चरिंग आदि के बारे में विस्‍तार से सलाह दी है।

इस बारे में इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली ही एक कंपनी Simple Energy के फाउंडर सुहास राजकुमार ने ट्विटर पर एक Q&A सेशन  आयोजित किया था।

यूं समझिए बैटरी और सेफ्टी का फर्क
इस सेशन में उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो कंपनियों और ग्राहकों को भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी और सेफ्टी के बीच का फर्क समझना चाहिए। दोनों में फर्क होता है।

उन्‍होंने बताया कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली ज्‍यादातर कंपनियां इसमें इस्तेमाल होने वाली बैटरी की हेल्थ पर ध्यान देती हैं। जबकि ये मामला बैटरी की सेफ्टी से काफी अलग है। हालांकि किसी भी इलेक्ट्रिक गाड़ी के लिए ये दोनों ही जरूरी है।

बैटरी हेल्थ से क्‍या मतलब है?
इस पूरे मामले को समझने के लिए पहले यह भी समझना चाहिए कि बैटरी हेल्‍थ क्‍या होती है। सुहास ने लोगों को बैटरी हेल्थ और बैटरी सेफ्टी के बीच फर्क समझाया। बैटरी की अच्छी हेल्थ का मतलब उसके सेल की कैपेसिटी बने रहने, उसमें समय के साथ खराबी नहीं आने से होता है और किसी बैटरी को बनाने में ये मुकाम हासिल करना कोई ‘रॉकेट साइंस’ नहीं है, क्योंकि दुनिया दशकों से लीथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल कर रही है।

क्‍या होती है बैटरी सेफ्टी’?
सिंपल एनर्जी के फाउंडर के मुताबिक बैटरी की सेफ्टी इससे बिल्कुल अलग मामला है। इसका एक सीधा-सा मतलब है कि गाड़ी की बैटरी किसी भी परिस्थिति में बेहतर तरीके से काम करे। इसके लिए अलग तरह की इंजीनियरिंग चाहिए होती है। इसके लिए बैटरी की पर्याप्त टेस्टिंग होना जरूरी है। उनकी इस बात का निष्कर्ष ये निकलता है कि ग्राहक जो भी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीद रहे हैं, उसके बारे में पता करें कि लॉन्च से पहले कंपनी ने उसकी कितनी टेस्टिंग की है। टेस्टिंग से जुड़ा कितना डेटा कंपनी ने हासिल किया है। क्या बैटरी सेफ्टी के सभी मानकों पर परफेक्ट बैठती है।

कैसी होना चाहिए बैटरी’?
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटनाओं को लेकर एक और इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी Ather Energy का कहना है कि अभी इन स्कूटरों में जो बैटरी इस्तेमाल हो रही है, उनमें से अधिकतर का आयात किया गया है। ये सभी बैटरियां ठंडे इलाकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। ऐसे में इन बैटरियों को भारत की जलवायु के मुताबिक बनाना जाना चाहिए। दरअसल, एथर एनर्जी की सलाह है कि ग्राहक अगर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद कर रहे हैं तो उन्‍हें यह देखना चाहिए कि स्कूटर किस देश की बनी हुई है, यानी बैटरी कहां का उत्‍पाद है।

क्‍या है बैटरी सेफ्टी मैनेजमेंट’?
किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन में ‘बैटरी सेफ्टी’ एक महत्‍वपूर्ण एलिमेंट है। इस बारे में iVOOMi Energy के फाउंडर सुनील बंसल का कहना है कि बैटरी की सेफ्टी के लिए उसमें थर्मल मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

बैटरी कैसे रहे कूल’?
जबकि सुहास राजकुमार कहते हैं कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों में टार्क और स्पीड को बरकरार रखते हुए बैटरी की सेफ्टी तय करने के लिए बैलेंस बनाना जरूरी है। इसके साथ-साथ ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए Fast Charging की सुविधा भी देना है। इसके लिए बैटरी की मैकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ-साथ उसमें थर्मल मैनेजमेंट और कूलिंग सिस्टम के बीच संतुलन वाला सॉफ्टवेयर होना चाहिए। दोनों एक्सपर्ट की बात ग्राहकों को ये बताती है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने से पहले वह यह जानें कि गाड़ी में बैटरी को कूल रखने के लिए क्या सिस्टम लगाया गया है।

आग से बचने के लिए अलार्म
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने जैसी घटनाएं न हो इसके लिए सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (SMEV) ने इन गाड़ियों में थर्मल अलार्म लगाने का सुझाव दिया है। अभी कई कारों में इस तरह का फीचर है। जबकि Tata Motors ने हाल में अपनी जो CNG गाड़ियां लॉन्च की हैं, उसमें इसे थोड़ा और एडवांस बनाया गया है, जो गाड़ी में आग लगने की स्थिति पैदा होते ही फ्यूल की सप्लाई बंद कर देता है।

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