Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत ने UNSC में क्यों उठाया समुद्री सुरक्षा का मुद्दा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से जानिए

हमें फॉलो करें भारत ने UNSC में क्यों उठाया समुद्री सुरक्षा का मुद्दा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से जानिए

विकास सिंह

, गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (21:41 IST)
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलने के बाद भारत ने ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना-अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के रखरखाव के लिए एक मामला’ विषय को क्यों उठाया इस बारे में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि समुद्री मार्गों पर भारतीय व्यापार की निर्भरता और 26/11 को हुए मुंबई हमले को देखते हुए भारत के लिए समुद्री सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो जाता है।

विदेश सचिव श्रृंगला ने इस मुद्दें पर लिखे एक लेख में बताया है कि 1,200 द्वीप और 7,500 किलोमीटर से अधिक के समुद्र तट के साथ हिंद-प्रशांत महासागर हमेशा भारत के लोकाचार का केंद्र रहा है। उन्होंने गुजरात के लोथल का जिक्र करते हुए बताया कि वहां स्थित दुनिया की पहली गोदी को लेकर हुए पुरातात्विक सर्वे समुद्री देश के तौर पर भारत के हजारों साल पुराने कौशल की गवाही देते हैं।

भारतीय व्यापार के बारे में लेख में जिक्र करते हुए विदेश सचिव श्रृंगला ने बताया कि आज भारत का लगभग 90 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री मार्गों से होता है। यह हमारे हित में है कि समुद्री मार्गों को आपसी समृद्धि और शांति के गलियारे के रूप में प्रस्तुत किया जाए।

इसके साथ ही विदेश सचिव श्रृंगला ने 26/11 को हुए मुंबई आतंकी हमले पर प्रकाश डालते हुए आतंकवादियों द्वारा किए जाने वाले समुद्र के दुरुपयोग का जिक्र किया। उन्होंने इससे मुकाबला करने के लिए भागीदार देशों को प्रशिक्षण देने और क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

अपने लेख में विदेश सचिव श्रृंगला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या-क्या प्रयास किए हैं इस बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार 'सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास' की अवधारणा दी। 2018 में सिंगापुर में 'शांगरी-ला डायलॉग' में बोलते हुए उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
ALSO READ: 7 दिनों में 10 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा, अफगानिस्तान सरकार ने सत्ता साझा करने की पेशकश की
2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकॉक में हुए 'पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन' में 'हिंद-प्रशांत सागर क्षेत्र' की पहल शुरू की, जिसमें समुद्री क्षेत्र में देशों के बीच सहयोग के लिए सात स्तंभों का प्रस्ताव रखा गया था। विदेश सचिव श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का 'सागर और वसुधैव कुटुम्बकम' का दृष्टिकोण पश्चिमी हिंद महासागर के पड़ोसियों की सहायता के लिए है। जिसका नतीजा है कि भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र और उसके बाहर सुरक्षा के शुद्ध प्रदाता के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
ALSO READ: खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में पड़ी नरम, जून के मुकाबले 0.67 फीसदी हुई कम
लेख के अंत में विदेश सचिव ने यह भी बताया कि इससे पहले समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर यूएनएससी में चर्चा नहीं हो पाती थी, क्योंकि 5 स्थाई सदस्यों में से कोई न कोई इस पर चर्चा करने को लेकर असहमत रहता था। इस बार ऐसा नहीं हुआ भारत अपनी अध्यक्षता में इस विषय पर चर्चा करवाने में सफल रहा।

इससे वैश्विक मंच पर भारत की साख जवाबदेह देश के तौर पर स्थापित हुई है। अपने लेख में उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि भारत की अध्यक्षता में वैश्विक समस्याओं पर चर्चा कर उनके समाधान निकाले जा सकते हैं, जो स्थाई सदस्य के तौर पर भारत की दावेदारी को मजबूती प्रदान करता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Royal Enfield के CEO विनोद दसारी ने दिया इस्तीफा