गुजरात में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का इस्तीफा यूं तो कोई आश्चर्यजनक फैसला नहीं है, लेकिन यह सिर्फ इसलिए चौंकाता है क्योंकि उन्हें भाजपा के ताकतवर नेता और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। क्योंकि जब रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब इस पद पर राज्य के ताकतवर 'पटेल' समुदाय से ताल्लुक रखने वाली आनंदी बेन पटेल मौजूद थीं।
हालांकि रूपाणी को जब राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब भाजपा के फैसले ने जरूर चौंकाया था। क्योंकि रूपाणी जिस जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, उनकी संख्या राज्य में 2 फीसदी से भी कम है। पार्टी के इस फैसले का असर 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। उस समय पार्टी ने गुजरात में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा 99 सीटों पर ही सिमट गई थी।
खास बात यह है कि गुजरात के ताकतवर पटेल-पाटीदार समुदाय ने इस पद के लिए हमेशा से दावेदारी पेश की है। रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाते समय इस बात का ध्यान भी रखा गया था। पाटीदार समाज नाराज न हो इसके लिए नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया था। भाजपा के मंत्रियों की जनसंवाद यात्रा के दौरान लोगों की जो प्रतिक्रिया सामने आई थी, उसमें वे रूपाणी को लेकर नाखुश दिखाई दिए थे।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो रूपाणी को बदलने के पीछे आगामी विधानसभा चुनाव को ही माना जा रहा है। यह फैसला 2022 की शुरुआत में भी लिया जा सकता था, लेकिन माना जा रहा है गुजरात में उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों के साथ 2022 के पूर्वार्द्ध में ही चुनाव कराए जा सकते हैं। ऐसी भी अटकलें हैं कि नया मुख्यमंत्री पटेल-पाटीदार समुदाय से हो सकता है।
इसके पीछे बड़ी वजह भी है। राज्य में पाटीदारों की आबादी 12 प्रतिशत के करीब है, जबकि 25 विधानसभा सीटों पर इनकी जनसंख्या 20 फीसदी के लगभग है। वहीं, 71 सीटों पर इस समुदाय के मतादाताओं की संख्या 15 प्रतिशत के लगभग है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा 2017 के 150 सीटों के लक्ष्य को साधने के लिए मुख्यमंत्री पद पर किसी पाटीदार चेहरे को आगे कर सकती है।
गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के लिए जो नाम दौड़ में सबसे आगे हैं, उनमें पटेल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता ही ज्यादा हैं। वर्तमान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एवं पुरुषोत्तम रूपाला के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। ये सभी पटेल समुदाय से ही आते हैं। गोरधन झड़ाफिया का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा है, लेकिन इस दौड़ में सबसे आगे मांडविया और नितिन पटेल को माना जा रहा है।
इसके साथ एक और नाम दौड़ में बना हुआ, वे गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल हैं। पाटिल नवसारी से तीन बार के सांसद हैं। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विश्वसनीय करीबी माना जाता है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव परिणाम से सबक लेकर भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।