बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस पर की गई विवादित टिप्पणी पर माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि महाकाव्य रामायण पर आधारित रामचरित मानस समाज में नफरत फैला रहा है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के कुछ अंश समाज की कुछ जातियों के भेदभाव का प्रचार करते हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील
मोदी ने इस पर उन्हें करारा जवाब दिया है।
चंद्रशेखर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि रामचरित मानस में कई अच्छी बाते भी हैं लेकिन जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा कि जो मेरी जीभ काटना चाहते हैं, मुझे जेल भिजवाना चाहते हैं वो हमसे तर्क करें। ये नागपुर से चलने वाला छद्म हिंदूवाद नहीं चलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमको पता नहीं है। हम देखे नहीं हैं। हम पूछ लेंगे उनसे।
बिहार भाजपा ने अपने आधिकारिक अकाउंट से चंद्रशेखर पर हमला करते हुए ट्वीट किया, मंत्री जी का आधा-अधूरा ज्ञान! एक तो अधूरी चौपाई, ऊपर से जहरीले बयान, राजद की परंपरा है हिन्दू संस्कृति का करना अपमान!
वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार से चंद्रशेखर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जहां तक जातिगत भेदभाव की बात है, तो रामायण से जुड़े सभी ग्रंथों में निषाद राज और माता सबरी की चर्चा पूरे आदर के साथ की गई है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम ने न केवल सबरी के जूठे बेर खाए। बल्कि नवधा -भक्ति का उपदेष भी सबरी के माध्यम से ही संसार को दिया। आज मुसहर समाज सबरी की पूजा करता है।
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर अपने आप को समाजवादी नेता मानते हैं और समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने चित्रकूट में रामायण महोत्सव की शुरुआत की थी।
Edited by : Nrapendra Gupta