राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर संघर्ष और तेज हो गय है। जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने बागी रुख अख्तियार कर लिया है, वहीं सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने चुप्पी ओढ़ ली है। राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि यदि हाईकमान ने मामले को समय रहते नहीं संभाला तो राजस्थान में भी पंजाब जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है। दरअसल, गहलोत और उनके समर्थक विधायक किसी भी सूरत में सचिन को राजस्थान का 'पायलट' नहीं बनने देना चाहते। उन्होंने बागी तेवर अपना लिए हैं। ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता का 'विमान' हिचकोले लेने लगा है।
इन अटकलों को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो कांग्रेस विधायकों की बैठक का बताया जा रहा है। इस वीडियो में धारीवाल गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पंजाब खो चुके हैं और अब राजस्थान भी चला जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम सब लोग संभल जाएं तो बचेगा, नहीं तो राजस्थान भी हाथ से जाएगा। धारीवाल ने गहलोत से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांगने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अभी तो गहलोत के पास एक ही पद है, जब वे अध्यक्ष बन जाएंगे तब यह बात उठनी चाहिए।
दूसरी ओर, गहलोत गुट ही महेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट हमें मंजूर नहीं। 102 में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाएं, हमें कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि नए सीएम का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद ही होना चाहिए। यदि गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला भी वही करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि हम हाईकमान के आदेश का पालन करेंगे, लेकिन हमारी बात भी सुनी जानी चाहिए। जोशी ने कहा कि हम नोटिस से डरते, यदि नोटिस मिलेगा तो हम उसका जवाब देंगे।
इसी सुर में राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बात की। उन्होंने कहा कि हाईकमान को हमारी बात सुननी चाहिए। सीएम के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस बारे में विधायकों तय करेंगे। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि यह साजिश कामयाब नहीं होगी। वहीं, एक अन्य विधायक केएल बैरवा ने गहलोत गुट पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, यह हाईकमान को तय करना चाहिए।
अनुशासनहीनता : कांग्रेस नेता अजय माकन ने सोमवार को कहा कि राजस्थान में कुछ विधायकों का विधायक दल की आधिकारिक बैठक में शामिल न होकर उसके समानांतर कोई अन्य बैठक करना अनुशासनहीनता है। माकन ने कहा कि विधायकों का एक समूह सशर्त प्रस्ताव पारित कराने पर जोर दे रहा था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया।
सोनिया को सौंपेंगे रिपोर्ट : विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर आए पार्टी पर्यवेक्षक माकन एवं मल्लिकार्जुन खड़गे राज्य में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपेंगे। दोनों ही वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
मकान ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जब विधायक दल की कोई आधिकारिक बैठक बुलाई गई हो और यदि कोई उसी के समानांतर एक अनाधिकारिक बैठक बुलाए, तो यह प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता है। माकन ने कहा कि आगे देखेंगे कि इस पर क्या कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि अभी यह जानकारी नहीं है कि कितने विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा दिया है।
माकन ने कहा कि इन विधायकों के प्रतिनिधि के रूप में धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उनसे मिलने आए थे और उन्होंने कहा था कि विधायक सशर्त प्रस्ताव पारित कराना चाहते हैं। माकन ने कहा कि जो विधायक (बैठक में) नहीं आए, उन्हें हम लगातार कहते रहे हैं कि हम एक-एक करके सबकी बात सुनने के लिए यहां आए हैं।