नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार आज, जानिए किसको मिल सकता है मौका
, बुधवार, 7 जुलाई 2021 (00:41 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपनी टीम का विस्तार करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट के इस विस्तार में 17 से 22 नए चेहरों को मौका मिल सकता है। जिन राज्यों में अगले साल चुनाव होने वाले हैं, उन्हें ज्यादा मंत्री पद मिल सकते हैं।
अगले साल की शुरुआत में 5 राज्यों में चुनाव : वर्ष 2022 के फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोआ और मणिपुर में चुनाव होने वाले हैं। वहीं, वर्ष के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होंगे। मोदी की प्राथमिकता में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव का भविष्य भी तय करेगा।
81 तक हो सकते हैं मंत्री : वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में में कुल 53 सदस्य है। इन्हें बढ़ाकर 81 तक किया जा सकता। हालांकि ऐसा होगा नहीं क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक या दो बार मंत्रिमंडल का और विस्तार किया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी की टीम 20 से 22 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं।
इसके साथ ही मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले थावरचंद गहलोत ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें भाजपा शासित कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। कुछ चेहरों की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र के कई भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। बिहार से इस बार जेडीयू कोटे से भी मंत्री बनाए जाने की बात चल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बात का संकेत दे चुके हैं।
सिंधिया का नाम लगभग तय : केन्द्रीय मंत्री गहलोत के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश से 1-2 चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। इनमें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लगभग तय माना जा रहा है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की सीट भी पक्की है। उन्हें असम में मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी छोड़ने का इनाम मिल सकता है।
युवा चेहरों को मिलेगा मौका : उत्तर प्रदेश से पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और सासंद रमापति राम त्रिपाठी के साथ ही कांग्रेस से हाल ही में भाजपा में आए युवा नेता जितिन प्रसाद भी मोदी की टीम में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस समय वे न तो लोकसभा के सदस्य हैं और न ही राज्यसभा के।
युवाओं को लुभाने के लिए युवा चेहरों के नाम पर कई बार के सांसद वरुण गांधी को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावनाएं दिख रही हैं। दलित चेहरे के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया का नाम लिया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए दिनेश त्रिवेदी का नाम भी मंत्री पद के लिए चल रहा है।
सहयोगी दलों में अपना दल की अनुप्रिया पटेल और जनता दल (यू) के आरसीपी सिंह और विभाजित लोजपा के पारस गुट के पशुपति पारस के नाम की भी चर्चा हो रही है। इस बीच, चिराग पासवान ने चिट्ठी लिखकर पारस को मंत्री नहीं बनाने की अपील प्रधानमंत्री से की है।
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