देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में पिछले तीन दिनों से चल रही सियासी उठापठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई।
रावत के करीबी और प्रदेश के उच्च शिक्षा और सहकारिता मंत्री और धनसिंह रावत मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। पौड़ी जिले के पैठनी गांव के रहने वाले 48 वर्षीय रावत अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। बताया जाता है कि वह निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी हैं। वह 2017 में पहली बार विधायक बने।
इसके अलावा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को भी एक प्रमुख उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। महाराज कांग्रेस के पूर्व नेता हैं। वह 2014 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हरीश रावत से पिछड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। महाराज पौड़ी जिले के चौबत्ताखाल से विधायक हैं। वह एक आध्यात्मिक गुरु भी हैं जिनके देशभर में प्रशंसक हैं।
उनके अलावा, लोकसभा सांसद अजय भटट, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
नई दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर मंगलवार को देहरादून लौटने के बाद रावत शाम सवा चार बजे राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने रावत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें राज्य के नए मुख्यमंत्री का चयन होने तक उन्हें पद की जिम्मेदारियां संभालने को कहा।
बुधवार सुबह 10 बजे राज्य पार्टी मुख्यालय पर विधानमंडल दल की बैठक शुरू हुई है जिसमें सभी विधायकों की मौजूदगी में नए नेता का चयन किया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में बैठक में मौजूद।