इन दिनों H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के मामलों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। कई शहरों में सर्दी-खांसी और बुखार जैसे लक्षणों के साथ लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पतालों की ओपीडी में अच्छी खासी भीड़ हो रही है। हालांकि कई लोग टेस्ट नहीं करा रहे हैं, जिसे H3N2 इन्फ्लुएंजा के सही आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं। दरअसल, डॉक्टरों को कहना है कि जितनी ज्यादा जांचें होंगी, उतना इस वायरस से निपटने में आसानी होगी। क्योंकि यह फ्लू एक तरह का संक्रमण है जो सर्दी-खांसी और बुखार की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे में आता है।
ऐसे में जानते हैं कैसे होती है H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस की जांच, कैसे दिया जाता है सेंपल और कितने दिनों में आती है रिपोर्ट।
कोविड-19 टेस्ट की तरह जांच
दरअसल, H3N2 वायरस टेस्ट भी कोविड-19 टेस्ट की तरह ही किया जाता है। इसके सेंपल नाक और गले से लिए जाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे कोरोना की जांच के लिए सेंपल लिया जाता है।
कैसे होता है H3N2 का टेस्ट?
सबसे पहले मरीज का सेंपल लिया जाता है। यह सेंपल नाक और गले से लिया जाता है, लैब में सेंपल कलेक्ट करने के बाद इसे जांच के लिए भेजा जाता है और करीब 4 दिन में इसकी रिपोर्ट आ जाती है।
मरीज को कब करानी चहिए जांच?
इस फ्लू के लक्षणों में सर्दी-खांसी, बुखार के साथ ही सिर दर्द और कुछ मामलों में उल्टी- दस्त भी हो सकते हैं। जैसे ही आपको ये लक्षण महसूस हो उसके दो-तीन दिन के भीतर H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस की जांच करा लेना चाहिए।
पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद क्या करें?
चूंकि यह एक संक्रामक बीमारी है। ऐसे में अगर H3N2 के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट करवाया जाता है और उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो हमें कोरोना मरीज की तरह ही आइसोलेट करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मास्क लगाना चाहिए। घर के दूसरे सदस्यों से दूरी बनाकर अन्य कमरे में रहकर इलाज लेना चाहिए।Edited: By Navin Rangiyal