प्राइवेट संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता रिटायर होने के बाद पेंशन की होती है। भविष्य निधि (पीएफ) की पेंशन की राशि इतनी कम होती है कि इससे जीवनयापन नहीं हो सकता है और अगर जीवनभर की पूंजी आपने मकान खरीदने में लगा दी हो और आपके पास आय का कोई दूसरा साधन भी नहीं होने से परेशानी कई गुना बढ़ जाती है।
आइए हम आपको बताते हैं 'रिवर्स मोर्गेज स्कीम' के बारे में, जिसमें आप रिटायरमेंट के बाद पेंशन पा सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) सहित दूसरे बैंकों की रिवर्स मोर्गेज स्कीम आपको हर माह एक निश्चित रकम का विकल्प देती है।
क्या है स्कीम : बैंकों की 'रिवर्स मोर्गेज स्कीम 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को नियमित आय का विकल्प देती है। यह स्कीम खास वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है। इसके लिए जरूरी ये है कि उनके पास अपना खुद का घर होना चाहिए।
इस स्कीम के तहत बैंक घर के मालिक को रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी अगेंस्ट हर माह एक तय रकम एक तय समय तक देता है। इसके बदले में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रहती है। इस स्कीम के तहत मालिक को बैंक को यह पैसा वापस नहीं करना होता है। बैंक रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी गिरवी रखने पर हर माह कितना पैसा देगा, यह प्रॉपर्टी की कीमत पर निर्भर करता है।
इसके अलावा मालिक अपने घर में रह सकता है। रिवर्स मोर्गेज स्कीम के तहत अपना घर गिरवी रखने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद घर बैंक का हो जाता है। अगर उस व्यक्ति के परिवार वाले चाहें तो बैंक को घर की कीमत चुकाकर घर खरीद सकते हैं।
किसे मिल सकता है इस स्कीम का फायदा : 60 वर्ष का कोई भी भारतीय इस स्कीम के अंतर्गत अपना घर गिरवी रखने के लिए आवेदन कर सकता है। अगर पति और पत्नी मिलकर इस योजना के लिए आवेदन कर रहे हैं तो पत्नी की उम्र कम से कम 58 साल होनी चाहिए।
इतनी मिल सकती है राशि : इस योजना के तहत बैंक 10 से 15 साल के लिए आवेदक को हर माह एक तय रकम देता है। एबीआई इस योजना के तहत 3 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक का लोन देता है। महिलाओं और अन्य लोगों को एसबीआई इस स्कीम के तहत 11 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन देता है, वहीं एसबीआई पेंशनर्स को सालाना 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर यह लोन मिलता है।
आप इस स्कीम के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो किसी बैंक की लोन शाखा में संपर्क कर सकते हैं और इसके नियम व शर्तों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।