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हाथरस मामले में जांच रिपोर्ट में खुलासा, चरणों की धूल पाने की होड़ में गई भक्तों की जान

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हिमा अग्रवाल

, बुधवार, 3 जुलाई 2024 (14:27 IST)
Hathras tragedy : हाथरस हादसे की प्रथम जांच रिपोर्ट से पता चला है कि हाथरस में स्वयंभू बने भोले बाबा का सदमार्ग दर्शन उनके भक्तों के लिए काल बन गया। बाबा के चरणों की मिट्टी की पाने की होड़ उनके 121 भक्तों को मौत के मुंह में ले गई। ALSO READ: आधुनिक भोले बाबा के दानदाता कौन हैं? हादसे के बाद उभरते कुछ सवाल!
 
मिली जानकारी के मुताबिक, इस मिलन समागम के लिए भोले बाबा समिति द्वारा पहले इटावा में प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन इटावा में परमिशन न मिलने के कारण स्थान परिवर्तन करते हुए हाथरस जिले में भोले बाबा का सत्संग रखा गया। यहां पर जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद 2 जुलाई को बाबा का समागम हुआ, जिसमें भगदड़ मच गई, मिलन समागम चीत्कार में बदल गया।
 
बात करें उत्तर प्रदेश पुलिस के गुप्तचर विभाग में सिपाही रहे सूरजपाल की तो, यह 17 वर्ष पहले नौकरी छोड़कर बाबा बन गए, जिससे इन्होंने शोहरत और पैसा कमाया। यूपी समेत अन्य जिलों में भी इनके फ़ॉलोअर्स है। बाबा का विवादों से नाता रहा है, मिली जानकारी के मुताबिक भोले बाबा नाम के जिस शख्‍स के सत्‍संग में भगदड़ होने के कारण से 121 लोगों ने जान गई है, उस पर यौन शोषण सहित कई आपराधिक मामले पहले से दर्ज बतायें जा रहे हैं।
 
वही मुख्यमंत्री योगी स्वयं आज पीड़ितों के दर्द पर मरहम लगाने हाथरस पहुंचे हैं। विगत दिवस सरकार के तीन मंत्री, डीजीपी, मुख्य सचिव सहित तमाम अधिकारी हाथरस में डटे हुए हैं। इस मामले में जांच भी बैठाई गई थी, जिसको 24 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी है।
 
प्रशासन द्वारा बनाई जांच समिति की प्रथम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि भोले बाबा के चरणों की रज पाने को लेकर धक्का मुक्की हुई है। बाबा के सेवादारों द्वारा भीड़ के साथ धक्का मुक्की की गई, जिसके चलते भीड़ अनियंत्रित हो गई। सड़कों के डिवाइडर पर पहले से लोग मौजूद थे,जैसे ही बाबा का काफिला गुजरा तो उसकी मिट्टी लेने, चरणों को नमन करने होड़ लग गई। लोग गिर गए, भीड़ उनपर से गुजराती चली गई, वही दूसरी तरफ कुछ लोग खेत के रास्ते उतर गए, बारिश की वजह से मिट्टी गीली थी, जिसके चलते गिरने वाले उठ नही पायें और यह हादसा हो गया। ALSO READ: हाथरस हादसे में 121 की मौत, क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
 
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पुलिस की एफआईआर में 80 हजार लोगों के एकत्रित होने की परमिशन प्रशासन से ली गई थी। लेकिन ढाई लाख लोगों के आसपास भक्त पहुंच गये। जिस समय रज लेने के लिए अफरातफरी हुई, उस समय गेट पर खड़े से हो गए, जिसके चलते लोगों ने खेत वाले रास्ते की तरफ रूख कर लिया। वहां जैसे ही रज लेने और बाबा के निकालने वाले स्थान को चूमने के लिए भक्त नीचे झुके हुए थे, बेकाबू भीड़ उनके ऊपर से गुजराती चली गई। वहां मौजूद पुलिस प्रशासन के अधिकारी सबकुछ चुपचाप देखते रहें।
 
विचारणीय बात यह है कि भोले बाबा के भक्त उनकी पदधूलि लेने के कारण जान गंवा बैठे, उनके लिए बाबा कि तरफ से कोई शोक संवेदना या बयान सामने नहीं आया है। कथित बाबा ने अपने भक्तों का हालचाल जानने की जगह खुद को मैनपुरी स्थित प्रवास में कैद कर लिया। भक्तों के लिए परमात्मा कहें जाने वाले बाबा को प्रथम जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद क्लीन चिट मिलती दिखाई दे रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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