Former Chief Justice Nepal of Sushila Karki: नेपाल में हाल के सियासी उथल-पुथल के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए प्रमुखता से चल रहा है। इस बीच, कार्की ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी सकारात्मक भावनाएं व्यक्त की हैं। सीएनएन-न्यूज18 को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कार्की ने भारत-नेपाल संबंधों और पीएम मोदी की कार्यशैली की जमकर तारीफ की।
हालांकि एक समूह ने कार्की के नाम का विरोध किया है।
नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश : 73 वर्षीय सुशीला कार्की, जो नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, ने कहा कि मैं मोदी जी को नमस्ते करती हूं। मेरे मन में मोदी जी के प्रति अच्छी छवि है। उन्होंने भारत और नेपाल के लोगों के बीच गहरे रिश्ते को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत और नेपाल की जनता का रिश्ता सरकारों से परे है। दोनों देशों के बीच बहुत पुराना और मजबूत जुड़ाव है। हमारे कई रिश्तेदार और दोस्त भारत में हैं। कार्की ने यह भी जोड़ा कि भारत ने हमेशा नेपाल की मदद की है और भले ही कभी-कभार छोटी-मोटी खटपट हो, रिश्ता हमेशा मजबूत बना रहता है।
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सुशीला कार्की का भारत से गहरा नाता रहा है। उन्होंने 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। साक्षात्कार में उन्होंने बीएचयू के दिनों को याद करते हुए कहा कि मुझे गंगा याद है, हमारा हॉस्टल गंगा किनारे हुआ करता था। यह व्यक्तिगत जुड़ाव उनके भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को और मजबूत करता है।
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मैं देश की शांति के लिए काम करने को तैयार : नेपाल में जनरेशन-जेड के आंदोलनों के बाद सत्ता में आए इस बदलाव में सुशीला कार्की को 5000 से अधिक युवाओं ने एक वर्चुअल बैठक में अंतरिम नेता के रूप में चुना। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के समर्थन को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता उन परिवारों को सम्मान और सहायता देना है, जिन्होंने हाल के आंदोलनों में अपने प्रियजनों को खोया। कार्की ने यह भी कहा कि नेपाल की राह चुनौतियों से भरी है, लेकिन वह देश के विकास और शांति के लिए काम करने को तैयार हैं।
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कार्की का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध जैसे मुद्दों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिनमें 30 से अधिक लोग मारे गए और 1000 से ज्यादा घायल हुए। उनके भारत के प्रति सकारात्मक रुख को भारत-नेपाल संबंधों के लिए एक सुखद संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत : सुशीला कार्की ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया अभी जारी है और वह सेना और प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत में जुटी हैं। उन्होंने कहा कि हम मिलकर नेपाल को एक नई शुरुआत देंगे। इस साक्षात्कार ने न केवल सुशीला कार्की की भारत के प्रति सकारात्मक सोच को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि वह दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेपाल की इस नई शुरुआत में भारत और पीएम मोदी के प्रति उनके विचार निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच सहयोग की नई संभावनाएं खोल सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की के अलावा कुलमान घीसिंग और सूदन गुरुंग के नाम भी चल रहे हैं। कार्की की योग्यता को देखते हुए उनका नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सबसे ऊपर है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala