सेना की अग्निवीर भर्ती योजना पर क्या बोले सेना प्रमुख मनोज पांडे?
जनरल पांडे ने भारत-म्यांमा सीमा पर स्थिति को बताया चिंता का विषय
- सीमापार से घुसपैठिए आतंकियों को मदद जारी
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चीन के साथ बातचीत लगातार जारी
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भूटान के साथ हमारे मजबूत सैन्य संबंध
Army Chief Manoj Pandey on Agniveer recruitment: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निवीरों को सेना में शामिल किए जाने की प्रक्रिया अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। इससे पहले पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने अपनी पुस्तक में खुलासा किया था कि थल सेना, नौसेना और वायुसेना में अग्निवीरों की कम अवधि के लिए भर्ती की ये योजना सशस्त्र बलों के लिए चौंकाने वाली थी। जिस समय इस योजना की शुरुआत हुई थी तब इसका काफी विरोध हुआ था।
सेना प्रमुख पांडे ने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद से लेकर अन्य मुद्दों पर भी राय रखी। पूर्वी लद्दाख विवाद को लेकर भारत-चीन वार्ता पर उन्होंने कहा कि मुद्दों का समाधान तलाशना एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि हम सैन्य, राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी रखे हुए हैं। हालांकि हमारी अभियानगत तैयारियां उच्च स्तर की हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है। उत्तरी सीमा पर हालात स्थिर हैं, लेकिन संवेदनशील हैं।
जम्मू कश्मीर की स्थिति पर सेना प्रमुख पांडे ने कहा कि घुसपैठ की कोशिशें हुई हैं, इसके बावजूद नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम कायम है। हम एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में हिंसा में काफी गिरावट आई है।
सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा मनोज पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को सहयोग मिलना जारी है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ में आतंकवादी गतिविधियों पर सेना प्रमुख ने कहा, यह वो क्षेत्र है जहां हमारा विरोधी आतंकवाद को बढ़ावा देने में सक्रिय है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पुंछ और राजौरी इलाके में आतंकवाद की काफी घटनाएं हुई हैं। यहां तक कि आतंकियों ने सेना के वाहनों को भी निशाना बनाया था।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल के समग्र आधुनिकीकरण के तहत वर्ष 2024 भारतीय सेना के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने का साल होगा। भूटान-चीन सीमा वार्ता पर सेना प्रमुख ने कहा कि भूटान के साथ हमारे मजबूत सैन्य संबंध है और हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमा सीमा पर स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है, हम वहां के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं।
अग्निवीर पर क्या कहा था पूर्व सेना प्रमुख ने : नरवणे ने अपने संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में खुलासा किया था कि उन्होंने 2020 की शुरुआत में पीएम मोदी को 'टुअर ऑफ ड्यूटी' योजना का प्रस्ताव दिया था। इसके तहत सीमित संख्या में जवानों को कम अवधि के लिए भर्ती किया जा सकता है।
हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) बाद में एक अलग योजना लेकर आया, जिसे अग्निपथ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि 75 फीसदी अग्निवीरों को बरकरार रखना सेना का प्रारंभिक विचार था। नरवणे के मुताबिक अग्निवीरों के लिए शुरुआती वेतन महज 20 हजार रुपए प्रतिमाह रखा गया था, लेकिन हमारी ठोस सिफारिशों के बाद इसे बढ़ाकर 30 हजार प्रतिमाह किया गया। (वेबदुनिया/एजेंसी)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala