नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की बढ़ी समय सीमा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा वापस लिए जाने के मामले में कोई हस्तक्षेप करने से बुधवार को इंकार कर दिया। न्यायालय ने हालांकि याचिकाकर्ता प्रदेश भाजपा को अपनी बात रखने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी।
आयोग के ताजे आदेश के तत्काल बाद भाजपा की प्रदेश इकाई ने मंगलवार को एक बार फिर से उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसने सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख मुकर्रर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के दबाव में आकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना आदेश वापस लिया है।
गौरतलब है कि सोमवार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी। सोमवार को शीर्ष अदालत द्वारा चुनाव मामले में हस्तक्षेप से इंकार किए जाने और राज्य चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखने की आजादी मिलने के बाद कोलकाता में आयोग के कार्यालय के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद आयोग ने नामांकन की समयसीमा 1 दिन के लिए बढ़ा दी थी, लेकिन मंगलवार सुबह अचानक आयोग ने अपने पूर्व के आदेश को रद्द कर दिया था।
आयोग की ओर से जारी नई अधिसूचना में कहा गया था कि शीर्ष अदालत ने सोमवार के आदेश में नामांकन की तारीख आगे बढ़ाने के बारे में निर्देश नहीं दिया था। तमाम दस्तावेजों के अध्ययन और सभी बिंदुओं पर विचार के बाद पहले का आदेश वापस लिया जाता है। इसी को लेकर प्रदेश भाजपा उच्चतम न्यायालय पहुंची थी। (वार्ता)