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उफान पर ‍नदियां, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, आंध्र में गोदावरी उफान पर

हमें फॉलो करें उफान पर ‍नदियां, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर, आंध्र में गोदावरी उफान पर
, रविवार, 14 अगस्त 2022 (08:21 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना का जल-स्तर थोड़ा कम हुआ, हालांकि यह अब भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी उफान पर रही, जबकि कृष्णा नदी में जलस्तर कम होता नजर आया। इस बीच मध्यप्रदेश के धार जिले में बांध को बचाने के प्रयास जारी है। बांध के पास से बनाई गई चैनल से पानी की निकासी की जा रही है। इससे बांध के टूटने का खतरा कम हुआ है।
 
बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि यमुना का जल-स्तर रात आठ बजे 205.88 मीटर रह गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद नदी शुक्रवार शाम चार बजे के करीब 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
 
एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि रविवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच जल-स्तर घटकर 204.75 मीटर तक आ सकता है और इसके बाद इसका कम होना जारी रहेगा।
 
इस बीच, पूर्वी दिल्ली के उप-मंडल अधिकारी (एसडीएम) आमोद बर्थवाल ने कहा कि नदी के करीब निचले इलाकों में रहने वाले 13,000 लोगों में से लगभग 5,000 लोगों को राष्ट्रमंडल खेल गांव, हाथी घाट और लिंक रोड पर बने टेंट में ले जाया गया है।
 
करावल नगर के एसडीएम संजय सोंधी ने कहा कि उनके जिले के निचले इलाकों से 200 लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है, और गैर-सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें पीने का पानी, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई हैं।
 
दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब हरियाणा के यमुना नगर में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की दर एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर जाती है और तब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां से निकाल लिया जाता है।
 
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने सुबह छह बजे हथिनीकुंड बैराज से लगभग 17,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी। शनिवार को दोपहर बाद करीब एक बजे 1.49 लाख क्यूसेक और बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे 2.21 लाख क्यूसेक पानी था। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।
 
उफान पर गोदावरी, घटा कृष्णा का जलस्तर : आंध्रप्रदेश में शनिवार को गोदावरी नदी उफान पर रही, जबकि कृष्णा नदी में जलस्तर कम होता नजर आया।
 
शनिवार शाम राजमहेंद्रवरम के समीप डोवालेश्वरम में सर आर्थर कॉटन बांध से 14.76 लाख क्यूसेक (प्रति सेंकेंड प्रति घनफुट) पानी छोड़ा गया। लेकिन डोवालेश्वरम में दूसरी चेतावनी का सिग्नल बरकरार रखा गया है क्योंकि बी आर आंबेडकर कोनासीमा के द्वीपीय गांवों तथा अल्लूरी सीताराम राजू जिले में पोलावरम इलाके के गांवों तथा इलूरू जिले के कई गांव अब भी जलमग्न हैं।
 
विजयवाड़ा में कृष्णा नदी के प्रकाशम बांध में शनिवार को जल स्तर 3.57 लाख क्यूसेक रह गया। शुक्रवार को यह 4.57 लाख क्यूसेक था। करीब 14,500 क्यूसेक पानी सिंचाई वाली नहरों में छोड़ा गया है जबकि 3.43 लाख क्यूसेक पानी समुद्र में छोड़ा गया।
 
धार में बांध बचाने की जंग : मध्यप्रदेश के धार जिले के गांव कोठीदा में कारम नदी पर बने बांध को बचाने की जंग जारी है। बांग के बगल से 42 घंटे में बनी चैनल से पानी की निकासी शुरू कर दी गई है। इसे तीन दिन से बांध से हो रहे रिसाव से बांध टूटने का जो खतरा बना हुआ था ‍उसमें राहत मिली है। यहां सेना के करीब 200 जवान तैनात किए गए हैं। मुख्‍यमंत्री शिवराज खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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