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मौसम अपडेट : बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, असम में रेड अलर्ट, 57 लाख लोग प्रभावित

हमें फॉलो करें मौसम अपडेट : बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, असम में रेड अलर्ट, 57 लाख लोग प्रभावित
, गुरुवार, 18 जुलाई 2019 (11:56 IST)
दिल्ली एनसीआर में झमाझम हुई बारिश से लोगों को उमस से राहत मिल गई है। जबकि बिहार में बाढ़ से हालात बदतर होते जा रहे हैं। यहां अब तक सबसे ज्यादा 67 लोगों की मौत हुई है। लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर होने लगे हैं। बाढ़ से 46.83 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में राहत और बचाव के लिए सरकार ने 251.55 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की है, जहां 57 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पूरे राज्य में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश का दौर कमजोर पड़ने से गर्मी और उमस का असर बढ़ गया है।
 
खबरों के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार में बाढ़ के कारण हालात बदतर होते जा रहे हैं। यहां बाढ़ की चपेट में आने के कारण अब तक सबसे ज्यादा 67 लोगों की मौत हुई है। लोग अपने घर को छोड़ने पर मजबूर होने लगे हैं। बाढ़ के चलते 46.83 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अभी कुछ दिन और बारिश के आसार बने हुए हैं। बाढ़ के साथ ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है। नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण निचले इलाकों में तेजी से बारिश का पानी जमा होने लगा है।
 
केंद्र सरकार ने असम में राहत और बचाव के लिए 251.55 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की है। गुवाहाटी समेत राज्य के ज्यादातर जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पूरे राज्य में अभी से रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। असम के 57 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जबकि 1.50 लाख लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। असम के आधे से ज्यादा जिले टापू में तब्दील हो चुके हैं। 
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दिल्ली एनसीआर के लोगों को उमस से राहत मिल गई है। झमाझम हुई बारिश से मौसम काफी खुशनुमा हो गया है। यहां बुधवार की रात और गुरुवार की सुबह भारी बारिश हुई, जिसके कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अनुमान है कि आज पूरे दिन बारिश हो सकती है।

पंजाब में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। सन्नौर हलके के 25 गांवों के खेतों में पानी घुस गया है। इससे किसानों की धान की फसलें पूरी तरह से खराब हो गई हैं। पटियाला, बठिंडा और फिरोजपुर में कई गांवों में पानी भर गया है। घन्नौर व पातड़ां हलकों में घग्गर दरिया में पानी के लगातार बढ़ रहे स्तर कारण आसपास के गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने घरों की छतों पर बैठे लोगों को राहत कैंपों में आने की अपील की है और उनसे कहा जा रहा है कि घरों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात है। लोग राहत कैंपों में आ जाएं।
 
उत्तर प्रदेश की राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में सुबह से धूप खिली है और उमसभरी गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। आगामी 24 घंटों में पूर्वी और पश्चिमी उप्र में चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है और बारिश होने के बाद ही लोगों को उमस और गर्मी से निजात मिल पाएगी। 
 
उत्तराखंड में मानसून आने के बाद भी पानी उतना नहीं बरसा, जितना राज्य को खुशहाल करने के लिए चाहिए। 24 जून से मानसून की आमद हुई, जो माह के अंत तक कमजोर रहा। इसके बाद जुलाई में मानसून ने रफ्तार पकड़ी तो अब 18 जुलाई से फिर मानसून कमजोर होने जा रहा है। 
 
मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश का दौर कमजोर पड़ने से गर्मी और उमस का असर बढ़ गया है। राज्य में आज भी आसमान पर आंशिक बादल छाए हैं, जिससे धूप की चुभन से बीच-बीच में राहत मिल जाती है। बादलों और सूरज के बीच लुकाछिपी का दौर जारी है। मगर बारिश की संभावना कम ही है।

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