भोपाल/ लखनऊ। मौसम विभाग ने गुरुवार को चेतावनी दी है कि मध्यप्रदेश के 20 जिलों में अगले 24 घंटे में भारी वर्षा हो सकती है।
भारत मौसम केन्द्र भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के रीवा, सतना, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, होशंगाबाद, बैतूल, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, शाजापुर, आगर मालवा, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर एवं श्योपर जिलों में कहीं-कहीं पर भारी वर्षा या अति भारी वर्षा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में कहीं-कहीं पर गरज के साथ बिजली गिरने की आशंका भी है। शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा या गरज के साथ बौछारें हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ये चेतावनी मौसम केन्द्र ने कल सुबह तक के लिए जारी की है।
शुक्ला ने बताया कि पिछले 24 घंटों में रेहटी में 14 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि होशंगाबाद में 11 सेंटीमीटर, कटंगी, मुल्ताई एवं लांजी में नौ-नौ सेंटीमीटर, बुधनी, आमला एवं बागली में सात-सात सेंटीमीटर और छिंदवाड़ा, अनूपपुर, महू एवं नसरूल्लागंज में 6-6 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में इस मानसून में अब तक 13 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
उप्र के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ की चपेट में : उत्तरप्रदेश के 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं।
राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने गुरुवार को बताया कि आंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हुआ है।
उन्होंने सिंचाई विभाग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गोयल ने बताया कि पलियांकला (लखीमपुर खीरी) में शारदा, बर्डघाट (गोरखपुर) में राप्ती, एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में सरयू-घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर से खबर मिली है कि राप्ती नदी में एक तटबंध से पानी रिस रहा है और मऊ जिले के एक तटबंध पर भूमि क्षरण हुआ है। दोनों ही जगहों पर मरम्मत का कार्य चल रहा है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
मऊ में बाढ़ से लगभग 5000 परिवार प्रभावित हुए हैं। तीन प्रभावित गांवों में फंसे 20 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
गोयल ने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में तटबंधों और पुलों को कोई खतरा नहीं है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की 16 टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात की गई हैं। कुल 219 आश्रय स्थल बनाए गए हैं और 983 नावों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि 712 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और 249 मेडिकल टीमें भी तैनात हैं। प्रभावित लोगों को राशन किट और भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि तटबंधों पर लगातार गश्त की जाए और भूमि क्षरण रोकने के कदम उठाए जाएं। राहत कार्यों में नौकाओं का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने रोगों से निपटने के लिए दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा है। (भाषा)