देश के कई हिस्सों में सर्दी के बाद अब गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है। गर्मी ने उत्तर के मैदानी इलाकों में दस्तक देने से पहले तटीय क्षेत्रों में असर दिखाना शुरू कर दिया है। हवाओं के रुख बदलने से दिल्ली में 10 फरवरी के बाद तापमान में तेजी से वृद्धि हुई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल मई और जून में पारा 45 डिग्री तक जा सकता है। मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री पहुंचने पर उस इलाके में हीट वेब की स्थिति घोषित कर दी जाती है। देश के अधिकांश हिस्सों में खासतौर से उत्तर व मध्य भारत में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है।
अप्रैल में दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में तापमान 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहेगा। फरवरी में ही महाराष्ट्र व दक्षिण राज्यों में गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। यहां के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है। अगले 2 महीनों में इसमें और इजाफा होगा।
इसी तरह, मार्च में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दक्षिण राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में तापमान 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने का अनुमान है। 2 दिन पहले मुंबई का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और अहमदाबाद में 33 डिग्री सेल्सियस रहा। मुंबई में 18 फरवरी को अधिकतम तापमान का 39 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक था।
इससे पहले इस मौसम में मुंबई में 25 फरवरी, 1966 को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसके अलावा पुणे व हैदराबाद में भी पारा 30 डिग्री के स्तर को पार कर गया। पिछले साल जून तक अल नीनो सक्रिय था, लिहाजा इसका असर इस साल भी देखने को मिल सकता है।
इसकी वजह से तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के कारण 2020 से 2064 तक गर्मी और लू में इजाफा होना जारी रहेगा। इसकी वजह से तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।