श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने कश्मीर का ‘ओसामा’ कहे जाने वाले लश्करे तौयबा के आतंकी कमांडर वसीम शाह को उसके एक साथी के साथ शनिवार को मुठभेड़ में मार गिराया। उस पर दस लाख रुपए का इनाम था। शाह की मौत के साथ ही हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के ग्रुप के लगभग सभी सदस्यों का सफाया हो गया है सिवाय सद्दाम पड्डार के।
सुरक्षाधिकारियों के बकौल, पड्डार भी उनके रडार पर है और अगले कुछ दिनों में उसको भी ढेर किया जा सकता है। मुठभेड़ के बाद पत्थरबाजों पर पुलिस की गोलीबारी एक पत्थरबाज की भी मौत हो गई।
जम्मू कश्मीर पुलिस शाह की गतिविधियों पर पिछले कुछ हफ्तों से नजर रखे हुए थी। उसे “हेफ्फ का डॉन’ भी कहा जाता था। यह जगह दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में है, जिसे आतंकवादियों का एक और पारंपरिक गढ़ माना जाता है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह सूचना मिलने के बाद कि शाह लित्तर इलाके में छिपा हुआ है, पुलिस तथा उसके विशेष अभियान समूह ने इलाके की घेराबंदी की।
उन्होंने बताया कि शाह और उसके अंगरक्षक निसार अहमद मीर ने वहां से भागने की कोशिश की लेकिन वह घेराबंदी को नहीं तोड़ पाया जो सीआरपीएफ और सेना की मौजूदगी से और मजबूत हो गई थी। सुरक्षाबलों ने कई आतंकी मामलों में वांछित शाह और इस साल मई में आतंकवादियों से जुड़े स्थानीय लड़के निसार को मार गिराया। शनिवार को हुए एनकाउंटर के साथ ही अब तक सेना और सुरक्षाबल हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी गैंग का सफाया हो गया है।
शोपियां के हेफ्फ-श्रीमाल निवासी शाह वर्ष 2014 में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ था और उसे पिछले साल दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में फैली अशांति का ‘मास्टरमाइंड’ माना जाता था। पुलिस ने बताया कि शाह स्कूल के दिनों से ही लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह का सक्रिय समर्थक था और उसने समूह के लिए संवाहक (कुरियर बॉय) के तौर पर भी काम किया। शाह इस आतंकी संगठन के लिए नए लोगों की भर्ती कर रहा था। उसके सिर पर 10 लाख रुपए का नकद इनाम था। पुलिस ने बताया कि वह दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों में शामिल था।
इस बीच पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ स्थल के समीप पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़प में एक नागरिक मारा गया। मुठभेड़ में शुक्रवार सुबह लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने दावा किया कि आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी के दौरान गुलजार अहमद मीर को गोली लग गई, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में वह मारा गया।
आठ जुलाई 2016 को त्राल में सुरक्षाबलों ने वानी को एनकाउंटर में मार गिराया था। वानी ने मारे जाने से पहले 10 आतंकियों के साथ एक फोटोग्राफ को सोशल मीडिया पर शेयर की थी। हैरानी होगी कि इस फोटोग्राफ में मौजूद सभी आतंकियों का सफाया सेना कर चुकी है। एक आतंकी सद्दाम पड्डार उर्फ जैद फरार है तो वहीं एक आतंकी तारिक पंडित आत्मसमर्पण कर चुका है।
वसीम, बुरहान गैंग का आखिरी आतंकी था जिसे सेना ने मार गिराया है। अगस्त 2017 में राष्ट्रीय राइफल्स ने 41 वर्ष के यासीन इत्तू उर्फ महमूद गजनवी को सेना ने अगस्त में ढेर कर दिया था। अब इस गैंग का सिर्फ एक आतंकी पड्डार जिंदा है और माना जा रहा है कि सेना उसे भी जल्द ही ढेर कर सकती है।
लश्कर कमांडर वसीम शाह को आर्मी और पुलिस की भाषा में डबल ए श्रेणी का आतंकी बताया जा रहा है जिसे ओसामा और वसीम लेफ्टी के नाम से भी जाना जाता था। वसीम शाह के पास से एक के-47 राइफल, एक एके-56 और 6 एके मैगजीन बरामद की गयी हैं। आतंकी वसीम शाह लश्कर का टॉप कमांडर था और सुरक्षाबलों को लंबे समय से इसकी तलाश थी।
इस एनकाउंटर के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की, इस दौरान सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग की। सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हुई इस झड़प में 20 लोगों को घायल होने और एक के मारे जाने की खबर है।
लश्कर आतंकी वसीम अहमद शाह उर्फ़ ओसामा के मारे जाने के साथ ही कुख्यात बुरहान गैंग का लगभग सफाया हो गया है। इस फोटो में सद्दाम पद्देर को छोड़कर दिख रहे सारे आतंकवादी मारे जा चुके हैं। सुरक्षाबलों के ऑपरेशन आल आउट में अब तक आदिल खांडे, निसार पंडित, अशफ़ाक़ बट, अनीस, इशफ़ाक़ डार, सब्ज़ार बट, वसीम मुल्ला और आज वसीम शाह उर्फ़ ओसामा को मार गिराया है। जबकि एक आतंकवादी तारिक़ पंडित ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस गैंग में अकेला ज़िंदा बचा आतंकवादी सद्दाम पड्डार है।