नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह हैदराबाद लैबोरेटरी द्वारा तैयार सीएफएसएल रिपोर्ट विशेष अदालत में अक्टूबर तक पेश करे।
मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडेय की याचिका पर पर यह आदेश दिया। गत चार मई को सीबीआई ने न्यायालय में हलफनामा सौंपकर कहा था कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर झूठे दस्तावेज के जरिए आरोप लगाए गए हैं।
सीबीआई ने कहा था कि प्रशांत पांडेय ने जो पैन ड्राइव सौंपा था, उसके डाटा फर्जी हैं। सीबीआई ने कहा था कि झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि हार्ड डिस्क के एक्सेस शीट में मुख्यमंत्री का नाम था, जो बाद में फर्जी तरीके से हटा दिया गया।
पिछले साल 15 दिसंबर को सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में व्यापमं से संबंधित डाटा से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। इस रिपोर्ट को देखने के बाद न्यायालय ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था। सिंह के अलावा आशीष चतुर्वेदी, डॉक्टर आनंद राय और प्रशांत पांडेय ने याचिका दायर की थी। (वार्ता)