Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

विक्रम बत्रा जन्मतिथि :जब पाकिस्‍तान‍ियों ने माधुरी दीक्षि‍त को मांगा तो विक्रम बत्रा ने गोलियां बरसाकर कहा, ‘ये लो माधुरी दीक्षि‍त का प्‍यार’

हमें फॉलो करें विक्रम बत्रा जन्मतिथि :जब पाकिस्‍तान‍ियों ने माधुरी दीक्षि‍त को मांगा तो विक्रम बत्रा ने गोलियां बरसाकर कहा, ‘ये लो माधुरी दीक्षि‍त का प्‍यार’
, गुरुवार, 9 सितम्बर 2021 (10:50 IST)
भारत के शेरशाह कैप्‍टन विक्रम बत्रा के बारे में 10 अनसुनी बातें

1. पढ़ाई के लिए विक्रम किसी स्कूल में नहीं गए। उनकी मां ही उन्‍हें घर पर पढ़ाती थी। मां ही उनकी पहली टीचर थीं।

2. 19 जून, 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा की लीडरशिप में इंडियन आर्मी ने घुसपैठियों से प्वांइट 5140 छीन लिया था। वहां छिपे पाकिस्तानी घुसपैठिए भारतीय सैनिकों पर ऊंचाई से गोलियां बरसा रहे थे।

3. इसे जीतते ही विकम बत्रा अगले प्वांइट 4875 को जीतने के लिए चल दिए, जो सी लेवल से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर था और 80 डिग्री की चढ़ाई पर पड़ता था।

4. 7 जुलाई 1999 को उनकी मौत एक घायल ऑफिसर को बचाते हुए हुई थी। इस ऑफिसर को बचाते हुए कैप्टन ने कहा था, तुम हट जाओ। तुम्हारे बीवी-बच्चे हैं।

5. अपने मिशन में कामयाब होने के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा जोर से चिल्लाया करते थे, ‘ये दिल मांगे मोर’ यह लाइन पूरे देश में काफी पापुलर हो गई थी।

6. उनके साथी नवीन, जो बंकर में उनके साथ थे, बताते हैं कि अचानक एक बम उनके पैर के पास आकर फटा। नवीन बुरी तरह घायल हो गए। पर विक्रम बत्रा ने तुरंत उन्हे वहां से हटाया, जिससे नवीन की जान बच गई। उसके आधे घंटे बाद ही कैप्टन ने अपनी जान दूसरे ऑफिसर को बचाते हुए खो दी।

7. पाकिस्तानी घुसपैठिये लड़ाई के दौरान चिल्लाए, ‘हमें माधुरी दीक्षित दे दो। हम नरमदिल हो जाएंगे। इस बात पर कैप्टन विक्रम बत्रा मुस्कुराए और अपनी AK-47 से फायर करते हुए बोले, ‘लो माधुरी दीक्षित के प्यार के साथ’ और कई सैनिकों को मार गिराया।

8. कैप्टन विक्रम बत्रा की बहादुरी के किस्से भारत में ही नहीं सुनाए जाते, पाकिस्तान में भी विक्रम बहुत पॉपुलर हैं। पाकिस्तानी आर्मी भी उन्हें शेरशाह कहा करती थी।

9. विक्रम को ड‍िंपल चीमा से प्यार था। पंजाब यूनिवर्सिटी में दोनों की मुलाकात हुई थी। डिंपल कहती हैं कि उन्होंने और विक्रम ने कुछ खूबसूरत महीने चंडीगढ़ में गुजारे।

10. 1996 में विक्रम का सिलेक्शन आर्मी में हो गया, आर्मी में जाने के बाद भी दोनों का प्यार बढ़ता गया। कारगिल से लौटने पर दोनों का शादी करने का प्लान था। लेकिन वे देश के लिए शहीद हो गए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कमजोर वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स व निफ्टी की सुस्त शुरुआत, टेक महिंद्रा में रही गिरावट