वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम पूरा हो चुका है और जहां हिंदू पक्षकार शिवलिंग मिलने की पुष्टि कर रहे हैं तो वहीं मुस्लिम पक्षकार हिंदू पक्षकारों की हर बात का खंडन कर रहे हैं।
लेकिन इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जो कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का बताया जा रहा है और इस वीडियो में शिवलिंग का आकार दिखाई पड़ रहा है जिसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश में चारों तरफ खुशी का माहौल है तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वह एक फव्वारा है।
लेकिन अब यह तो कोर्ट को तय करना है कि मस्जिद के अंदर वजू खाने के पास मिली चीज शिवलिंग है या फिर फव्वारा। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से मस्जिद के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है और कोर्ट के आदेश के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया है।आपको बताते चलें कि वायरल हो रही फोटो और वीडियो की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है।
फोटो को लेकर हिंदू व मुस्लिम पक्ष का दावा : सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो व वीडियो को देखने के बाद हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि नंदी के मुख के सामने मस्जिद के वजू खाने से 12 फुट 8 इंच का शिवलिंग मिला है। जिससे साफ होता है कि यहां पर शंकर जी पहले से ही विराजमान थे।
वायरल हो रही फोटो और वीडियो को लेकर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है,जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।
सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ : वाराणसी कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर के आदेश पर वजू खाने वाली जगह को सील किया गया है। सील करने की कार्रवाई के दौरान एडीएम प्रोटोकॉल मौके पर मौजूद रहे।वहीं वजू खाने के पास सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है, जो कि अब 24 घंटे निगरानी करेगी।
आपको बताते चलें कि सर्वे पूरा होने के ठीक बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने अहम साक्ष्यों को संरक्षित और सुरक्षित करने की याचिका दी थी।इसी याचिका की सुनवाई करने के बाद वाराणसी कोर्ट के सिविल जज ने सील करने के आदेश दिए थे।