Vice President Jagdeep Dhankhar's statement regarding Ram temple in Ayodhya : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत के सभ्यतागत इतिहास का प्रतीक है और इसने देश के 500 साल के दर्द को समाप्त कर दिया।
धनखड़ ने यहां अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) सभागार में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सातवें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उपराष्ट्रपति ने कहा, बाईस जनवरी को हमारे देश में जश्न का माहौल था जब अयोध्या धाम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह था। इस कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अवसर पर 500 वर्षों का दर्द दूर हो गया।
राष्ट्र विरोधी विमर्श को बेअसर करना युवाओं की जिम्मेदारी : धनखड़ ने छात्रों से देश की उपलब्धियों पर गर्व करने को कहा। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ राष्ट्र विरोधी विमर्श को बेअसर करना युवाओं की जिम्मेदारी है। धनखड़ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में भी बात की। उन्होंने दावा किया कि पूरे देश ने इस पर खुशी जताई है। इस कार्यक्रम में शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार भी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस बीच, अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि जेएनयू देशभर के छात्रों के लिए विभिन्न अल्पकालिक ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है, क्योंकि इसका लक्ष्य इस साल ई-लर्निंग के क्षेत्र में प्रवेश करना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वंचित वर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए परिसर में ई-लर्निंग को लेकर बुनियादी ढांचे को विकसित करने के तौर तरीकों पर काम कर रहा है।
जेएनयू के स्पेशल सेंटर फॉर ई-लर्निंग के अध्यक्ष बीएस बालाजी ने बताया, जेएनयू को 455 करोड़ रुपए का एचईएफए ऋण मिला है और वह इन पाठ्यक्रमों को विकसित करने के लिए संकाय सदस्यों को सहयोग देने के वास्ते बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour