नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि अगर सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति कर दी होती तो राफेल मामले को लेकर उसके समक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पहले आरोपी होते।
लोकसभा में अंतरिम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने यह भी कहा कि आने वाले समय में राफेल हारेगा और राहुल गांधी की जीत होगी। उन्होंने पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए कहा कि यह अंतरिम वित्तमंत्री द्वारा पेश किया गया अंतरिम बजट है और इसे सरकार के पिछले 5 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड कहा जा सकता है।
मोइली ने रक्षा बजट का उल्लेख करते हुए राफेल सौदे को घोटाले की संज्ञा देते कहा कि प्रधानमंत्री 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' की बात कहते हैं लेकिन इस मामले में रोज नई-नई चीजें सामने आ रही हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक अखबार में छपी खबर का जिक्र करते हुए कहा कि राफेल सौदे में समानांतर वार्ता की बात सामने आ रही है और पसंदीदा उद्योगपति तक को बातचीत की मेज पर ले जाया गया।
कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) को धन-संपन्न उपक्रम के रूप में छोड़कर गई थी लेकिन इस सरकार ने उसे कमजोर किया। हम राफेल विमानों की खरीद के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार ने एचएएल को कमजोर किया जिसे 70 सालों का रक्षा उत्पादन का अनुभव है।
मोइली ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार ने अब तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की है? अगर लोकपाल बन गया होता तो इसके समक्ष प्रधानमंत्री पहले आरोपी होते। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने महिलाओं, सामाजिक न्याय के लिए बजट आवंटन में कटौती की और अपने प्रचार पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए।
मोइली ने कहा कि नोटबंदी के रूप में सरकार ने पाप किया है और जनता इसके लिए उन्हें माफ नहीं करेगी। जीएसटी से छोटे कारोबारियों की हालत खराब हो गई और निवेश के मामले में भी यह सरकार फिसड्डी साबित हुई है। सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर असत्य बोलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल की हार होगी और राहुल गांधी की जीत होगी। (भाषा)