कोविशील्ड की डोज लेने के बाद एंटीबॉडी न बनने पर एक व्यक्ति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है
व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि कोविशील्ड की डोज लेने के बाद एंटीबॉडी भी नहीं बनी और प्लेटलेट्स घटकर तीन लाख से डेढ़ लाख तक पहुंच गई।
शख्स ने लखनऊ के आशियाना थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क किया गया है। शासन स्तर पर इसकी जांच होगी। शिकायतकर्ता ने धमकी दी है कि अगर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वह कोर्ट जाएगा।
पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, लखनऊ के रहने वाले प्रताप चंद्र गुप्ता टूर एंड ट्रैवल का बिजनेस करते हैं। प्रताप का आरोप है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। प्लेटलेट्स घट गई। प्रताप ने कहा, 21 मई को मैंने ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखा था। इसमें आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने साफ कहा था कि कोविशील्ड की पहली डोज लेने के बाद से ही शरीर में अच्छी एंटीबॉडी तैयार हो जाती है, जबकि कोवैक्सिन की दोनों डोज के बाद एंटीबॉडी बनती है। ये देखने के बाद 25 मई को मैंने सरकारी लैब में एंटीबॉडी जीटी टेस्ट कराया।
उसने कहा, मुझे बताया जाए वैक्सीन लगी थी या उसमें पानी भरकर लगा दिया था प्रताप ने कहा, मैं अकेला नहीं हूं, जिसमे एंटीबॉडी नहीं बनी है। मेरे जैसे कई लोग और भी हैं। इसलिए अगर मेरी शिकायत को अनसुना किया जाता है तो मैं 6 जून को कोर्ट जाऊंगा। मुझे बताया जाए वैक्सीन लगी थी या उस में पानी भरकर लगा दिया था।